सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में वर्ष 2001 और 2003 में संविदा पदों पर भर्ती हुए शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट द्वारा नियुक्तियों को वैध ठहराने से 9 साल से करीब 18 हजार संविदा शिक्षकों की नौकरी पर लटक रही तलवार हट गई है।
वर्ष 2002 में जबलपुर हाईकोर्ट ने इन पदों पर नियुक्तियों को अवैध बताकर नए सिरे से भर्ती करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए कहा कि शासन ने स्वयं शपथ-पत्र देकर कहा है कि संविदा वर्ग एक, दो व तीन को नियमित कर अध्यापक बना दिया गया है। ऐसे में इन्हें अब नौकरी से हटाना उचित नहीं होगा(दैनिक भास्कर,भोपाल,19.8.11)।
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