मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

19 अगस्त 2011

हरियाणा में पिछड़ों के आरक्षण में विसंगति

राज्यसभा सांसद डा. रामप्रकाश ने केंद्र सरकार से पिछड़े व अन्य पिछड़ों वर्गो के लिए अलग-अलग आरक्षण सुनिश्चित किए जाने की मांग की है।

गुरुवार को उन्होंने राज्यसभा में विशेष उल्लेख के जरिए पिछड़ों व अन्य पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पिछड़े व अन्य पिछड़े वर्गो को उसी तरह अलग-अलग माना जाना चाहिए जिस तरह अनुसूचित जाति व जनजातियों के लिए अलग आरक्षण की व्यवस्था है।

रामप्रकाश ने जनगणना के आधार पर केंद्रीय व प्रांतीय नौकरियों एवं दाखिलों में इन वर्गो के लिए अलग प्रतिशत के आधार पर आरक्षण देने की वकालत की। डा. रामप्रकाश का कहना था कि पिछड़ों व अन्य पिछड़ों की सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि में जमीनी स्तर पर बहुत बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि इसके लिए और विचार की जरूरत हो तो पिछड़ा एवं अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को मामले पर समयबद्ध ढंग से विचार करना चाहिए।

हरियाणा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में 17 फीसदी आबादी को पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग कहा गया है। मंडल आयोग के बाद इनमें नई जातियां जोड़कर उन्हें अन्य पिछड़े वर्ग की संज्ञा दे दी गई जबकि ये दोनों वर्ग अलग-अलग होने के कारण उन्हें अलग आरक्षण चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ प्रांतों में इन्हें बीसी-ए व बीसी-बी के रूप में विभाजित किया गया लेकिन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इसे आरक्षण के भीतर आरक्षण मानकर अलग आरक्षण को रद्द कर दिया(दैनिक भास्कर,दिल्ली,19.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।