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24 अगस्त 2011

आरक्षण के समान लाभ की मांग पर नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षण सूची की समय-समय पर समीक्षा किए जाने और आरक्षण का लाभ लेकर ऊपर उठ चुकी जातियों को सूची से बाहर करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र व राज्य सरकारों को नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन और न्यायमूर्ति एके पटनायक की पीठ ने ओपी शुक्ला की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किए। कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से याचिका पर जवाब मांगा है। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आर वेंकट रमणीं और बालाजी श्रीनिवासन ने आरक्षण का लाभ सभी को समान रूप से दिए जाने और अतिदलित वर्ग तक आरक्षण का लाभ पहंुचाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को निर्देश दिया जाए कि आरक्षण सूची समीक्षा के बारे में समय-समय पर जो अध्ययन कराए गए हैं उनकी रिपोर्ट लागू की जाएं। याचिका में आरक्षण का लाभ कुछ जातियों को ज्यादा और कुछ को बहुत कम मिलने की बात कही गईऔर सभी वास्तविक जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ दिए जाने की मांग की गई है। मांग है कि सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह लोकूर कमेटी और आरक्षण सूची की समीक्षा करने वाली ऐसी ही अन्य समितियों की रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजे और राष्ट्रपति उस रिपोर्ट को संसद में पेश करें। याचिका में आरक्षण का लाभ पाकर ऊपर उठ चुकी कुछ जातियों को सूची से बाहर करने की भी मांग की गई है। याचिका में विभिन्न अध्ययनों का हवाला दिया गया है(दैनिक जागरण,दिल्ली,24.8.11)।

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