मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

01 अगस्त 2011

अजमेरःचाहिए स्कूल की मान्यता तो लच्छू से मिलिए!

जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) कार्यालय में मान्यता लेने की डोर ‘लच्छू’ के हाथ में है। महज एक फोटोस्टेट की दुकान चलाने वाला लच्छू जैसा चाह रहा है शिक्षा विभाग उसी तरीके की कागजी कार्रवाई पूरी करवाई जा रही है।

हैरान कर देने वाली बात यह है कि राज्य सरकार ने प्राथमिक स्कूलों को मान्यता देने के लिए जो दस शर्ते तय की है, हर शर्त का लच्छू की दुकान से अलग-अलग शपथ पत्र लिया जा रहा है।

हालांकि दसों शर्तो का एक शपथ पत्र दिया जा सकता है। लेकिन लच्छू अब तक 800 व 1100 रुपए लेकर अजमेर शहर समेत जिले के लगभग सौ स्कूलों की फाइलें शिक्षा विभाग को दिलवा चुका है जिससे प्राथमिक संचालकों को करीब 75 हजार से अधिक का चूना लग चुका है।

भास्कर को रविवार को यह शिकायत मिली कि मान्यता के लिए स्कूलों से दस-दस शपथ पत्र लिए जा रहे हैं जबकि एक ही शपथ पत्र से काम चल सकता है। सरकार के भी दस शपथ पत्र लेने संबंधी कोई आदेश नहीं हैं। शिक्षा विभाग में संपर्क किया जाता है तो लच्छू की दुकान पर भेज दिया जाता है।

लच्छू मोटी रकम वसूल कर हाथों-हाथ दस शपथ पत्रों सहित स्कूल मान्यता की फाइल थमा देता है। इस संवाददाता ने बोगस ग्राहक बनकर शिकायत की जांच की तो उपरोक्त दृश्य सामने आए। जांच में एक बात साफ हो गई कि शपथ पत्रों के नाम पर लच्छू के जरिए धंधा शुरू कर दिया गया।


रविवार को फाइल जमा करने की अंतिम तारीख थी। इसलिए शिक्षा विभाग का दफ्तर भी खुला हुआ था। इस धंधेबाजी में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

40 का काम 800 रुपए में

दस रुपए का स्टांप, दस रुपए की टाइपिंग, 20 रुपए नोटेरी के सत्यापन

यह जांच भी तो करें 

लच्छू स्टांप कहां से लाता है? उसके पास जो स्टांप है क्या वे पहले से ही नोटेरी द्वारा सत्यापित हैं? उसे सरकार दस शर्तो के अलग-अलग शपथ पत्र बनाने का रास्ता शिक्षा विभाग में किसने दिखाया? इस धंधेबाजी में किस-किसको कितना हिस्सा मिला?

लच्छू की गणित

12 रुपए में स्टांप लाता हूं यानि दस स्टांप के 120 रुपए, 30 रुपए नोटेरी को देता हूं यानि दस स्टांप के हो गए 300 रुपए और 25 रुपए टाइपिंग में करता हूं यानि हो गए 250 रुपए। कुल मिलाकर खर्चा बैठ गया, 670 रुपए। कमाऊंगा 

भी तो सही। (हालांकि उसने स्वीकार किया कि नोटेरी को 20 ही देता हूं, टाइपिंग के दस रुपए ही लगते हैं। लच्छू के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि जो काम 40 रुपए में हो सकता है उसे 800 से लेकर 1100 रुपए तक क्यों करवा रहा है?)

मैंने 800 रुपए दिए 

मुझे हैप्पी होम पब्लिक प्राथमिक स्कूल सराना की मान्यता लेनी थी, अन्य स्कूल संचालकों से पता चला कि शिक्षा कार्यालय के पीछे लच्छू की दुकान है। वहां चल जाना सारा काम वो अपने आप कर देगा। मैं वहां गया और केवल स्कूल का नाम बताया, पूरी फाइल तैयार कर दी। मैंने लच्छू को 800 रुपए दिए हैं।

गोपाल रैगर

इस मामले की पूरी जांच की जाएगी। जिन प्राथमिक स्कूलों ने मान्यता के लिए फाइल नहीं लगाई है, ऐसी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन्होंने पूर्व में मान्यता ले रखी है उनसे स्व घोषणा पत्र लिया जाएगा। तीन माह में इनका निरीक्षण किया जाएगा।
धर्मेद्र जाटव, एडीईओ

प्राथमिक स्कूल की मान्यता के लिए दस शर्तो के लिए अलग-अलग शपथ पत्र देने की कोई आवश्यकता नहीं है, एक शपथ पत्र ही काफी है। अगर दस शपथ पत्र लिए जा रहे हैं तो गलत है।
वीणा प्रधान, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा(दैनिक भास्कर,अजमेर,1.8.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।