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16 अगस्त 2011

सुपर सफलता के पांच सूत्र

स्टेप 1 : 
आई’ का करो यूज तुम कि तनी देर तक कि सी चीज पर कॉन्सन्ट्रे शन क र पाते हो? हमने यह क्वेश्चन पिछले तीन सालों में क रीब 50,000 स्टू डें ट् स से कि या। इ नमें से 99 प्रतिशत ने ‘न’ में आंसर दिया। कै से बढ़ाओगे कॉन्सन्ट्रे शन पावर ? जब तुम अपनी पसंद की फि ल्म देखने जाते हो तो तीन घंटे उसी में आंखें गड़ाए बैठे रहते हो। उसी तरह क्रि के ट मैच में खाना-पीना छोड़क र एक टक उ से देखते रहते हो। तुम खुद को उ सी में लगा देते हो, लेकि न पढ़ाई क रते हु ए ध्यान बंटने में ज्यादा टाइ म नहीं लगता। अगर मीलों दूर म्यूजिक बज रहा हो तो जैसे पढ़ाई से ध्यान हटाने का बहाना मिल गया हो, तुम्हारा ध्यान तुरं त पढ़ाई से हट जाता है । पहले समझो कॉन्सन्ट्रे शन का मीनिंग इसे समझने के लिए हमें ‘रुचि’ को अच्छे ढं ग से समझना होगा। इ मेजिन क रो कि तुम्हें पिछले वीक पार्टी के फोटो दिए जाते हैं , जिसमें तुम भी थे। तुम उन फोटो में क्या देखोगे? जाहिर है , तुम उन फोटो में अपनी फोटो देखने की कोशिश क रोगे। ज्यादातर टाइ म तुम्हारी रु चि अपने आप को देखने में रहती है । इसका मतलब, जिस सब्जेक्ट में तुम ज्यादा रु चि लेते हो, उसमें कॉन्सन्ट्रे शन ज्यादा क र पाते हो। तुम उ स सब्जेक्ट को जल्दी सीख भी लेते हो। एग्जांपल एक मेमोरी टेस्ट में हमने क्लास 6 के स्टूडेंट्स को दो ग्रुप में डि वाइ ड कि या और उ न्हें प्राचीन मानव और उनके विकास के बारे में बताया। पहले ग्रुप को यह बताया गयाप्राचीन मानव गुफा में रहा क रता था। उन्होंने दो पत्थरों को आपस में रगड़क र आग की खोज की। वे पत्ते पहना क रते थे...। दूसरे ग्रुप से कहा, वे अपने आपको आदिमानव के रूप में सोचें और उन्हें बताया‘तुम गुफा में रहा क रते थे। तुमने पत्थरों को रगड़क र आग की खोज की। तुम शरीर में पत्तियां और जानवरों की खाल पहनते थे...!’ क्या पता चला दूसरे ग्रुप के स्टू डें ट् स ने जल्दी पाठ सीखा और एक साल बाद क रीब-क रीब ठीक उसी ढं ग से क हानी दोहराई भी। इम्पॉर्टें ट क्लू खुद को शामिल क रो। 

स्टेप 2 : 
रिपीट करो हमें यह मानना पड़ेगा कि ‘मजबूत मेमोरी उ तनी अच्छी नहीं, जितना एक वीक प्वाइं ट !’ जब तक हम रि पीट न क रें , कि सी चीज को पढ़ने और सीखने का कोई महत्व नहीं है । तुम हम सब जानते हो कि दोहराना कि तना जरू री है , लेकि न अच्छा रि जल्ट पाने के लिए वैज्ञानिक तरीके से रि पीट क र ना इम्पॉर्टें ट है । वैज्ञानिक तरीके से रि पीट क र ना इसे हम एक उदाहरण से समझने की कोशिश क रते हैं । अगर हम कि सी टॉपिक को दो घंटे दिन में याद क रते हैं , तो इसे क ब रि पीट क र ना चाहिए? वैज्ञानिक तौर पर क हे ं तो पह ले 24 घंटे खत्म होने तक हो जाना चाहिए। इ सका एक कारण है । हमारा दिमाग नई सीखी हु ई चीज या सूचना 80 से 100 प्रतिशत तक के वल 24 घंटे के लिए ही धारण  कर पाता है । अगर इस दौरान दोबारा न पढ़ा जाए या रि पीट न कि या जाए तो उतनी ही तेजी से भूलने का चक्र भी शुरू हो जाता है । इसलिए पहला रिवीजन 24 घंटे खत्म होने तक जरूर हो जाना चाहिए। 24 घंटे में एक बार रि पीट क र ने के बाद हमारा दिमाग इस सूचना को लगभग सात दिन तक याद र खता है । सात दिन के बाद भूलने का चक्र दोबारा तेजी से शुरू हो जाता है । अगला रिवीजन सात दिन बाद होना चाहि ए अगर हम 24 घंटे में पहला और सात दिन बाद दूसरी बार रिवाइज करें , तो हमारा रि पीट क र ने का टाइ म के वल 10 प्रतिशत ही रह जाता है । यह दस प्रतिशत उस समय का है , जो टॉपिक को सीखने में लगा है । इम्पॉर्टेंट क्लू: 24 घंटे/ सात दिन 

स्टेप 3 : 
बेहतर ढंग से पढ़ाई सोचो कि एक ह फ्ते बाद तुम्हारा एग्जाम है । तुम्हें सारे सब्जेक्ट् स की तैय् क र नी है । अब तुम कौन सा तरीक अपनाओगे? तरीका 1एक दिन में एक टॉपिक पढ़ो और छठे दिन अंतिम रू प से सभी विषय रि पीट क रो। तरीका 2सभी विषयों को एक साथ पढ़ो, जैसे दो घंटे मैथ्स, फि र अगले दो घंटे इतिहास आदि। आओ अब देखें कि क्या हु आ? जब हम कोई सब्जेक्ट जैसे मैथ्स पढ़ते हैं तो दिमाग के एक खास भाग पर ज्यादा दबाव बनता है , जो कि ठीक नहीं है । इसलिए सभी सब्जेक्ट्स को बदल-बदल कर संयुक्त रूप से पढ़ें, जैसे दो से तीन घंटे गणित पढ़ने के बाद, भूगोल फि र अगले दो घंटे में अन्य विषय। 

स्टेप 4 : आराम करने का महत्व हर 40 से 50 मिनट की पढ़ाई के बाद रेस्ट करना जरूरी होता है । यह आराम क रीब 10 मिनट का होना चाहि ए। 10 मिनट के आराम का अर्थ है , इस दौरान पूर्ण आराम। नहीं तो अलग-अलग पढ़ा हुआ ज्ञान व सूचना, दिमाग को उलझाए रखेंगे और दिमाग में गड़ बड़ी होती रहेगी। 10 मिनट में तुम अपना मनपसंद संगीत सुन सक ते हो या हल्की आरामदायक एक्सर साइज भी कर सकते हो। इम्पॉर्टेंट क्लू : 45 मिनट/ 10 मिनट 

स्टेप 5 : खुद को प्रेरणा दो बाजार में दिमाग तेज क रने वाली क ई दवाइयां मौजूद हैं, क्या ये दवाइयां या टॉनिक वाक ई में काम कर ते हैं ? यह जानने के लिए हमने एक प्रयोग कि या। हमने तीस लोगों का एक ग्रुप बनाया, जो एक ही बैक ग्राउंड से थे। हमने उनसे कहा कि हमारे पास एक ऐसा स्मृति टॉनिक है, जो तीन महीने में याददाश्त में वृद्धि क रने में हेल्पफुल होगा। फि र हमने एक छोटा टेस्ट लिया और उस ग्रुप में से 15 लोगों को जाने-माने ब्रांड की बोतल में रंगीन पानी दिया। इस तर ह सभी लोगों को तीन महीने तक वही पानी, टॉनिक बोलक र पिलाया गया । इसके बाद हमने फिर टेस्ट लिया। 

रिजल्ट : सभी को टेस्ट में बराबर के अंक मिले थे। 

क्यों हु आ ऐसा: सभी ने यही विश्वास कि या कि वे दिमाग तेज क रने के लिए कुछ अलग कोशिश क र रहे हैं , जिससे उनकी मेमोरी पावर में सुधार होगा। यह उनका सेल्फ कॉन्फिडें स ही था, जिसने उन्हें टेस्ट में अच्छा क रने के लिए प्रोत्साहित कि या। हमें हे नरी फोर्ड की यह बात भी याद रखनी चाहिए कि जैसा तुम सोचते हो वैसा ही कर भी सकते हो। अगर अच्छा सोचते हो तो अच्छा ही पर फॉर्म क रते हो, नहीं तो उ सका उलट(बिस्वरूप राय चौधरी,हिंदुस्तान,दिल्ली,16.8.11) ।

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