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18 अगस्त 2011

दूरसंचार क्षेत्र में रोज़गार के अवसर

टेलीकम्युनिकेशन फील्ड में इंजीनियरों के अलावा मैनेजमेंट व आईटी प्रोफेशनल्स को भी खूब मौके मिल रहे हैं।

भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है और यदि मोबाइल फोन के विस्तार की बात करें तो विश्व के किसी भी देश के मुकाबले यह विस्तार सबसे तेज है। भारत के गांव-गांव में अब एसटीडी/आईएसडी की सुविधा उपलब्ध है। मोबाइल के अलावा इंटरनेट के विस्तार से भी इस सेक्टर को काफी बल मिला है। इंडस्ट्री के इस विस्तार का ही परिणाम है कि टेलीकॉम सेक्टर में विभिन्न स्तर पर बड़ी संख्या में रिक्तियां निकलती रहती हैं। बेहतर सैलरी और वर्किंग माहौल के कारण टेलीकॉम सेक्टर युवाओं को काफी आकर्षित करता है।

किन-किन रूपों में मौके
इस सेक्टर में कई तरह से मौके उपलब्ध हैं ः

टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर टेलीकॉम उपकरणों की डिजाइनिंग से लेकर उनकी मरम्मत तक का काम करता है। इंजीनियरों को ट्रांसमिशन इंजीनियर, सर्विस इंजीनियर, नेटवर्क इंजीनियर आदि के रूप में भी मौके मिलते हैं।


मार्केटिंग, कस्टमर केयर आदि विभिन्न वजहों से इस इंडस्ट्री में प्रबंधन विशेषज्ञों की जरूरत भी काफी महसूस होने लगी है। इसीलिए टेलीकॉम सेक्टर के दरवाजे अब मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए भी खुल चुके हैं। इसी के मद्देनजर कुछ संस्थानों में टेलीकम्युनिकेशन में एमबीए पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा चुका है। 

आईटी प्रोफेशनल्स भी टेलीकॉम सेक्टर की जरूरत बन गए हैं। इसके तहत स्पेशल सॉफ्टवेयर को डिजाइन और विकसित करना उनका काम होता है। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट अथवा आईटी इंजीनियरिंग की डिग्री इसके लिए जरूरी है।

टेक्निकल सपोर्ट के लिए संबंधित फील्ड में आईटीआई से ट्रेंड टेक्निशियंस की भी जरूरत इस सेक्टर में काफी है।

जॉब के मौके
टेलीकॉम सेक्टर में सरकारी नौकरी के अलावा निजी क्षेत्रों में भी भरपूर संभावनाएं हैं। एमटीएनएल, रिलायंस, वीएसएनएल, टाटा इंडिकॉम, एयरटेल, वोडाफोन आदि विभिन्न टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों में प्रोफेशनल्स की अच्छी मांग है। एनटीपीसी, इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, बीईएल, ईसीआईएल, भेल आदि कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जहां टेलीकम्युनिकेशन विशेषज्ञों की जरूरत बनी रहती है। सशस्त्र सेनाओं में भी टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरों के लिए रिक्तियां निकलती हैं। इस फील्ड में जॉब के अलावा रिसर्च के मौके भी काफी हैं। इसरो, डीआरडीओ, एटॉमिक रिसर्च सेंटर, नेशनल लेबोरेटरी आदि में रिसर्च से संबंधित मौके मिलते हैं। 

(गणेश कुमार पांडे,अमर उजाला,17.8.11)

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