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18 अगस्त 2011

बैंकिंग में करिअर

वैसे तो बैंकों में जॉब के लिए प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन होता है, पर इससे संबंधित कोर्स करना भी आजकल जॉब के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है।

देश के आर्थिक परिदृश्य में बैंकिंग एवं वित्तीय सेक्टर की अहम भूमिका होती है। एक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2040 तक भारत विश्व का तीसरा बड़ा बैंकिंग हब होगा। सरकारी बैंकों के अलावा निजी बैंकों का भी देश में जबरदस्त विस्तार हो रहा है। इससे आनेवाले समय में युवाओं को कैरियर बनाने के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। बैंकिंग सेक्टर की इसी जरूरत के मद्देनजर इससे संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।

कार्य प्रकृति
बैंकिंग व वित्तीय सेक्टर से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों की रूपरेखा इस तरह बनाई गई है, ताकि अभ्यर्थी योग्य बैंकिंग प्रोफेशनल बन सकें। ऐसे कोर्स करने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों के अलावा निजी क्षेत्र के तमाम बैंकों में वित्तीय प्रबंधक, बैंक टेलर, क्लर्क आदि के रूप में काम करने के मौके मिलते हैं।


कैसे-कैसे कोर्स
बैंकिंग एवं फाइनेंस के क्षेत्र में अवसर तलाशने के लिए डिग्री, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा एवं एमबीए तक के कोर्स उपलब्ध हैं। इस फील्ड से संबंधित मुख्य कोर्स हैं - बाजार प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा, वित्तीय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा, वित्त और बैंकिंग में सर्टिफिकेट कोर्स, एमबीए इन बैंकिंग मैनेजमेंट आदि।

दाखिले के मानदंड
बैंकिंग से संबंधित कोर्स कराने वाले अधिकांश संस्थान एंट्रेंस टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर प्रवेश देते हैं। किसी भी संकाय के छात्र इनमें प्रवेश पा सकते हैं। अभ्यर्थियों के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट में पास होना जरूरी होता है और फिर साक्षात्कार से भी रूबरू होना पड़ता है। कुछ संस्थान कोर्स के दौरान इंटर्नशिप, शिक्षा लोन, रोजगार आदि से भी अभ्यर्थियों को अवगत कराते हैं। 

वेतनमान
बैंकिंग प्रोफेशनल्स की जरूरत बहुराष्ट्रीय कंपनियों, निजी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को होती है। शुरुआत में न्यूनतम पैकेज करीब १५ हजार रुपए मासिक हो सकता है, जिसमें अनुभव के बाद इजाफा होता जाता है(अमर उजाला,17.8.11)।

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