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27 अगस्त 2011

यूपीएससी में सीएस और आईटी विषय रखने की मांग

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में कंप्यूटर साइंस (सीएस) एवं इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) को भी ऐच्छिक विषय में शामिल करने की मांग उठने लगी है।

शहर के छात्रों ने इस संबंध में यूपीएससी को पत्र भेज कर कहा है कि इंजीनियरिंग की चार ब्रांच शामिल की जा सकती हैं तो सीए व आईटी को क्यों नहीं शामिल किया जा सकता। प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों से प्रतिवर्ष लगभग 20 हजार छात्र इन सीएस व आईटी ब्रांच से इंजीनियरिंग करते हैं।

इनमें सैकड़ों ऐसे होते हैं जो सिविल सेवा परीक्षा में बैठना चाहते हैं, लेकिन इन दोनों को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल नहीं किया गया है जबकि सिविल ब्रांच, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन शामिल हैं।

हाल में प्रतियोगी छात्रों ने यूपीएससी को पत्र लिखकर सीएस एवं आईटी ब्रांच को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब इंजीनियरिंग के चार विषय (ब्रांच) को शामिल किया जा सकता है तो सीएस व आई को क्यों नहीं? इन दोनों ब्रांच के छात्रों को परीक्षा के लिए नए विषय का चुनाव करना पड़ता है।


प्रायोगिक परीक्षा देने का एक और मौका

जीवाजी यूनिवर्सिटी ने आदर्श विज्ञान कॉलेज एवं एमएलबी कॉलेज के स्नातक एवं स्नातकोत्तर सेमेस्टर एवं वार्षिक परीक्षाओं में शामिल होने वाले ऐसे छात्रों को प्रायोगिक, प्रोजेक्ट एवं मौखिक परीक्षा देने के लिए एक और मौका प्रदान किया है, जिन्होंने उक्त परीक्षा नहीं दी है। परीक्षा सात एवं आठ सितंबर को आयोजित की जाएगी।

छात्रों को समान अवसर मिले 

यूपीएससी के सिलेबस में सीएस एवं आईटी ब्रांच को शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए यूपीएससी को सिविल सेवा परीक्षा में संशोधन किया जाना चाहिए, ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिल सकें।""
केएस शर्मा, पूर्व मुख्य सचिव 

सिलेबस में संशोधन की जरूरत

सीएस एवं आईटी ब्रांच का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होने लगा है। इसलिए यूपीएससी के सिलेबस में संशोधन की जरूरत है।
प्रो. डीसी तिवारी, निदेशक, इंजीनियरिंग संस्थान, जेयू

नए विषय का किया चुनाव

मैं सिविल सेवा में अपना करियर बनाना चाहती हूं लेकिन यूपीएससी के सिलेबस में सीएस ब्रांच नहीं होने के कारण मुझे नए विषय का चुनाव करना पड़ेगा।
अनुश्री जैन, छात्रा, बीई

सभी ब्रांच हों शामिल

सिविल सेवा परीक्षा के सिलेबस में इंजीनियरिंग की सभी ब्रांचें शामिल हों। सीएस एवं आईटी के शामिल होने से परीक्षा की तैयारी के लिए नए विषय का चुनाव नहीं करना पड़ेगा।
श्रुति गोयल, छात्रा, बीई(रामरूप महाजन,दैनिक भास्कर,ग्वालियर,27.8.11)

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