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18 अगस्त 2011

कम्प्यूटर में करिअर

आईटी विविधताओं से भरा एक ऐसा क्षेत्र है, जहां कैरियर से संबंधित विकल्प सबके लिए उपलब्ध हैं, 10वीं-12वीं पास के लिए भी और उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थियों के लिए भी...

आपकी शिक्षा चाहे जिस भी स्तर की हो, कंप्यूटर की दुनिया आपके लिए बांहें फैलाए खड़ी है। यहां उपलब्ध विकल्पों में से आप अपनी रुचि और शिक्षा के अनुसार किसी विकल्प का चयन कर उस दिशा में अपने कैरियर की दिशा तय कर सकते हैं।

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में आपका काम विभिन्न सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम्स को डेवलप करना होता है। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनियों में ऐसे प्रोफेशनल्स की काफी मांग रहती है। सरकारी विभागों में भी ऐसे विशेषज्ञों के लिए अवसर होते हैं। कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए आपको इंजीनियरिंग एंट्रेंस टेस्ट पास करना होता है। इसके लिए 12वीं मैथ्स से उत्तीर्ण होना जरूरी है।

एमसीए
मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस 3 साल का कोर्स है जो आपको एक ऐसा प्लेटफॉर्म देता है, जिसके बाद आप आईटी में बेहतर मुकाम हासिल कर सकते हैं। कंप्यूटर फील्ड में इसे काफी सम्मानजनक डिग्री माना जाता है। कुछ संस्थानों में एमसीए करने के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है, जबकि कुछ ओपन यूनिवर्सिटी में वैसे भी प्रवेश मिल जाता है। मैथमेटिक्स बैकग्राउंड के छात्रों को एमसीए पाठ्यक्रमों में सुविधा होती है।

हार्डवेयर ऐंड नेटवर्किंग
कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ उनको मेंटेन और फिट रखने के लिए हार्डवेयर और नेटवर्किंग प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ती जा रही है। विभिन्न संस्थानों में नेटवर्किंग की बढ़ती जरूरत के मद्देनजर नेटवर्क इंजीनियरों की काफी मांग है। 12वीं के बाद आप इसमें एडमिशन ले सकते हैं। इस क्षेत्र में आप सिस्को (222.ष्द्बह्यष्श.ष्शद्व), माइक्रोसॉफ्ट (222.द्वद्बष्ह्म् शह्यशद्घह्ल.ष्शद्व) आदि से सटिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं। आप स्पेशलाइज्ड कोर्स जैसे सीसीएनए, एमसीएसई आदि भी कर सकते हैं।

एनिमेशन/मल्टीमीडिया
मल्टीमीडिया/एविएशन का विशेष महत्व है, क्योंकि इससे संबंधित कोई शॉर्ट टर्म कोर्स भी आपको आसानी से जॉब दिला सकता है। इससे संबंधित कोर्सों में एडमिशन लेने के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं है, जिनके तहत एचटीएमएल, फोटोशॉप, फ्लैश, स्क्रिप्ट राइटिंग, गेम डिजाइनिंग आदि की जानकारी दी जाती है।


रोबोटिक्स
रोबोटिक्स इंजीनियरिंग की एक ऐसी ब्रांच है, जिसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी, रोबोट के निर्माण, उसके विभिन्न एप्लीकेशंस, डिजाइन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। 

साइबर लॉ
इंटरनेट से जुड़े तमाम अपराधों को हैंडल करने के लिए साइबर लॉ के विशेषज्ञों की मांग काफी बढ़ गई है। लॉ फील्ड में काम करने के इच्छुक अभ्यर्थी यदि आईटी में भी दिलचस्पी रखते हों तो उनके लिए साइबर लॉ का कोर्स करना उपयोगी होगा। ऐसे विशेषज्ञों की मांग सुरक्षा एजेंसियों, पुलिस विभाग, लॉ फर्म आदि में बनी रहती है। 

ई-कॉमर्स
ई-कॉमर्स का मतलब बिजनेस के उस स्वरूप से है, जहां प्रोडक्ट या सर्विस की खरीद-बिक्री विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों की सहायता से की जाती है। ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग आदि की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही ई-कॉमर्स के जानकारों के लिए भी मौके काफी बढ़ने लगे हैं। ई-बिजनेस, ई-टिकटिंग, ई-लर्निंग, ऑनलाइन बैंकिंग जैसे सेवाओं से जुड़े संस्थानों में ऐसे प्रोफेशनल्स रोजगार तलाश सकते हैं। सर्टिफिकेट इन ई-कॉमर्स, बैचलर इन ई-कॉमर्स आदि कई कोर्स इस फील्ड में उपलब्ध हैं।

कंप्यूटर एकाउंटेंसी
12वीं के बाद कंप्यूटर एकाउंटेंसी से संबंधित कोर्स किया जा सकता है। इसके लिए कॉमर्स का बैकग्राउंड भी जरूरी नहीं है। इससे संबंधित पाठ्यक्रमों में फाइनेंशियल एकाउंटिंग सॉफ्अवेयर जैसे टैली, बिजी, मनिवेयर आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन प्रोफेशनल्स को बैंकिंग, इंश्योरेंस, टैक्स आदि से संबंधित संस्थानों में मौके मिलते हैं। 

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कोर्स
कंप्यूटर प्रोग्राम्स (सॉफ्टवेयर्स) ही कंप्यूटर को काम करने के लायक बनाते हैं। अब तो स्कूल स्तर पर भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज की ट्रेनिंग दी जाने लगी है। इंडस्ट्री की डिमांड और अपनी रुचि के अनुसार आप कोई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कोर्स कर सकते हैं। जावा, डॉट नेट, पीएचपी आदि लैंग्वेजों के जानकारों के लिए इंडस्ट्री में काफी अवसर हैं। इससे संबंधित कोर्स 3 माह से 1 वर्ष तक के हो सकते हैं। अमूमन ग्रेजुएशन के बाद ऐसे कोर्स को करना आपके लिए ठीक रहेगा।

अन्य कोर्स
सर्टिफिकेट और डिप्लोमा स्तरीय कई ऐसे कोर्स हैं, जो आपको किसी ऑफिस में डाटा एंट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, डीटीपी आदि पदों पर काम करने के योग्य बनाते हैं। इन कोर्सेज में विंडोज, एमएस ऑफिस पैकेज, इंटरनेट आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। सभी शहरों में ऐसे इंस्टीट्यूट हैं, जहां 10वीं-12वीं के विद्यार्थियों के लिए ऐसे कोर्स कराए जाते हैं(संजीव सिंह, अमर उजाला,17.8.11)।

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