मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

16 अगस्त 2011

प्रतिभावान बनें


यूथ जेनरेशन को जिंदगी का भरपूर मजा लेना है तो कुछ चैलेंज के साथ आगे बढ़ना होगा। माना जाता है कि युवा अपने पेशे के प्रति काफी सीरियस होते हैं। उनके मन में नौकरी को लेकर कई तरह के सपने भी होते हैं। साथ ही, उनकी चाहत होती है, ऊंचे पदों पर आसीन होना। आज की पीढ़ी के युवा नई शक्ति के रूप में उभर रहे हैं और उनकी सोच का दायरा विस्तृत है। केवल भावनाओं के बलबूते ही वे निर्णय नहीं लेते बल्कि सोच-समझकर अपनी क्षमताओं का प्रयोग करते हैं। उनकी सोच का स्वागत की जानी चाहिए। आखिर यूथ ही देश के भावी कर्णधार हैं। तेज गति बदलते कॉरपोरेट कल्चर में कंपनियां भी सफलता प्राप्त करने के लिए अपने तरीके में बदलाव ला रही है। इन तरीकों के साथ खुद को बदलने के साथ नियम-कानून भी बदल रही है। परंपरागत मैनेजमेंट तकनीक के माध्यम से सफलता प्राप्त कर कंपनियां अब अपने पुराने तौर-तरीकों में बदलाव लाने का काम कर रही है। इन दिनों कॉरपोरेट कल्चर में जो बदलाव आ रहे हैं वह युवा पीढ़ी के टैलेंट के नतीजे हैं। ग्लोब्लाइजेशन के इस दौर में हर क्षेत्र में नए एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं। वर्तमान दौर में जो बदलाव देखने को मिल रहा है, वह काफी तेजी से हो रहा है, जिसे न रोका जा सकता है और न ही मोड़ा जा सकता है। युवा पीढ़ी का ही परिणाम है कि आज ट्रेडिशनल मैनेजमेंट के तरीके से काम करने वाली कंपनियां पिछड़ने लगी हैं। उन्हें भी आधुनिक कॉरपोरेट कल्चर में ढलना के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल, क्रिएटिव कॉपरेशन के माध्यम से युवा कर्मचारी न केवल अपने टैलेंट को सही तरीके से सामने ला रहे हैं बल्कि कंपनी के भीतर भी एडजेस्ट करके चलते हैं। ऐसा ही क्रिएटिव और एडजेस्ट की भावना सभी कर्मचारी में आ जाए तो निश्चित रूप से संस्था का माहौल बदलेगा। कंपनी को आगे ले जाने में युवा कर्मचारियों का सबसे बड़ा हाथ होता है। वे केवल नौकरी नहीं करते बल्कि अपनी जिंदगी को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं और दिल से काम करते हैं। जिन युवाओं में जोश होता है वे दूसरों को काम कराने के जोश दिखाने के साथ दूसरों के सामने बेहतर उदाहरण के रूप में सामने होते हैं। जब आप कुछ अलग करते हैं , तभी लोगों की नजर में आते हैं। ऐसे युवा टैलेंट को आगे लाने जरूरत है तथा इन्हीं से माहौल में परिवर्तन भी आएगा। युवा टेलेंट ही सही मायने में कंपनी के लिए उपयोगी है चाहे वह कंपनी सरकारी हो या गैरसरकारी। इसलिए दिल से यूथ के टैलेंट को वेलकम करना चाहिए।

(प्र.अनिता घोष,राष्ट्रीय सहारा,16.8.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।