एफवाइ जूनियर कॉलेज में ऐडमिशन लेने के बाद से ही कई स्टूडेंट्स ने बेटरमेंट ऑप्शन के चलते अपना ऐडमिशन रद्द कर दिया है। यहां तक कि ये स्टूडेंट्स अपने प्रोविजनल ऐडमिशन को कंर्फम होने का भी इंतजार नहीं कर रहे। इस तरह से हो रहे कैंसलेशन से मुंबई के कई कॉलेजों के प्रिंसिपल चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
उनका कहना है कि ऑनलाइन ऐडमिशन के बाद कई कॉलेजों को इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जबकि , कई स्टूडेंट्स ने तो अंतिम वक्त में अपना इरादा बदलते हुए कॉलेज भी बदल डालें हैं , क्योंकि उनके पास फर्स्ट कट ऑफ लिस्ट में जिन कॉलेजों का नाम आया था उससे बढि़या कॉलेज दूसरी कट ऑफ लिस्ट में मिला हैं। हालांकि , प्रिंसिपलों के पास इस सवाल का कोई उचित जवाब नहीं हैं।
कुछ ऐसा ही कहना है आर . डी . नैशनल कॉलेज , ब्रांद्रा के प्रिंसिपल डॉ . दिनेश पंजवानी का। बकौल पंजवानी , हम लोग चिंतित रहते हैं कि आखिरी लिस्ट की घोषणा होने के बाद कितने स्टूडेंट्स एफवाइ में निश्तित तौर से ऐडमिशन लेते हैं और कितने नहीं। इस तरह से हो रही समस्याओं को लेकर हम लोग अथॉरिटीज को एक पत्र लिखने का प्लान बना रहे हैं। कैं सिल हो रहे आवेदन पत्रों में साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ दूसरी कट ऑफ लिस्ट आने के बाद ही इस तरह की समस्याएं आईं है।
संभावना तो यह भी है कि जब आठ अगस्त को तीसरी लिस्ट निकलेगी तो उसके बाद भी इस तरह की समस्याएं खड़ी हो सकती है। उदाहरण के लिए विले पार्ले स्थित साठ्ये कॉलेज को लें तो वहां चौदह स्टूडेंट्स ने सेकंड लिस्ट की घोषणा होने के अगले दिन ही अपने प्रोविजनल कॉलेज ऑप्शन को कैंसल कर दिया। इसके पीछे वजह सिर्फ ये रही कि इन स्टूडेंट्स को फर्स्ट लिस्ट में मिले कॉलेज से बढि़या कॉलेज सेकंड लिस्ट में मिल गए।
आंकड़ों पर गौर करें तो जैसे ही जूनियर कॉलेज के लिए जनरल कैटिगरी की सेकंड लिस्ट घोषित हुईं , उसके अगले ही दिन 1386 स्टूडेंट्स ने पहले कट ऑफ लिस्ट में मिले कॉलेज कैंसल कर दिए। बता दें कि फर्स्ट लिस्ट में अंतिम तौर पर 86,881 स्टूडेंट्स ने ऐडमिशन लिए थे।
फर्स्ट लिस्ट के अंतर्गत आए हुए नाम के आधार पर स्वामी विवेकानंद कॉलेज में ऐडमिशन पाने वाले राजीव सिंह कि मानें तो वे दूसरी लिस्ट आने के बाद खुश हैं , क्योंकि इनका नाम अपने मनपसंद कॉलेज आर . एन . रूईया में आ चुका हैं। जानकारों की मानें तो बेटरमेंट ऑप्शन के चलते दो परेशानियों का सामना कॉलेज ऐडमिनिस्ट्रेशन के साथ - साथ अथॉरिटीज को भी होता है। इससे कैंसलेशन और रि - ऐडमिशन की प्रवृति स्टूडेंट्स में दिनों दिन बढ़ती जाएंगी।
क्या है बेटरमेंट ऑप्शन ?
एफवाई जूनियर कॉलेज में ऐडमिशन की फर्स्ट लिस्ट में जिन स्टूडेंट्स का नाम आ जाता है , वे सेकंड और थर्ड लिस्ट का इंतजार करते हैं। इस लिस्ट में अगर फर्स्ट लिस्ट की अपेक्षा बढि़या कॉलेज में ऐडमिशन के लिए उनका नाम आता है , तो वे प्रोविजनल यानी फर्स्ट लिस्ट के नाम को कैंसिल कर सेकंड और थर्ड लिस्ट में आए कॉलेजों में ऐडमिशन ले लेते हैं(मनीष झा,नवभारत टाइम्स,मुंबई,4.8.11)।
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