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09 अगस्त 2011

मध्यप्रदेशःअब नहीं होगी तीन साल में डॉक्टरी

प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिये प्रदेश सरकार ने तीन साल 6 माह का बैचलर ऑफ रूरल हैल्थ केयर कोर्स प्रारंभ करने की घोषणा की थी। यह कोर्स अब प्रारंभ नहीं होगा और जैसी चिकित्सीय शिक्षा व्यवस्था है, उसको कायम रखा जायेगा। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने गत दिवस चरक जयंती के अवसर यह घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह कोर्स प्रदेश में प्रारंभ नहीं किया जायेगा, जिसका सभी आयुर्वेद चिकित्स संगठनों ने स्वागत किया है।

आयुष मेडिकल ऐसोसियेशन ने कहा कि इस घोषणा का सभी आयुष मेडिकल ऐसोसियेशन के पदाधिकारी स्वागत करते हैं। आयुष मेडिकल ऐसियेशन के प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डे ने कहा कि संगठन यह मांग लम्बे समय से करता आ रहा है कि आयुष चिकित्सकों की भर्ती गांव में की जाए। ऐसे किसी भी कोर्स से डिग्री ले चुके डाक्टरों, चिकित्स शिक्षा का हित प्रभावित होगा और परिणाम भी बेहतर सामने नहीं आयेंगे। इस घोषणा के बाद अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पड़े पदों पर प्रदेश शासन की पहल पर आयुर्वेद डॉक्टरों की नियुक्ति संभव हो सकेगी। कई सालों से आयुर्वेद विश्वविद्यालय बनाने की जो मांग की जा रही है, उस पर सरकार ने विचार करने का आश्वासन दिया, जिसका सभी आयुष मेडिकल ऐसोसियेशन पदाधिकारियों ने स्वागत किया है(दैनिक भास्कर,जबलपुर,9.8.11)।

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