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12 अगस्त 2011

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी दिखाएगा उत्तर पुस्तिकाएं!

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड प्रबंधन भी मानस बना चुका है कि आज नहीं तो कल आरटीआई के तहत मांगने पर परीक्षार्थियों को उत्तर पुस्तिकाएं दिखानी होंगी। इसे देखते हुए बोर्ड प्रबंधन भी अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अध्ययन में जुट गया है।

बोर्ड अधिकारियों व कार्मिकों में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले की चर्चा रही। सबसे अधिक चिंतित बोर्ड के गोपनीय शाखा के अधिकारी व कार्मिक नजर आए। इस शाखा के अधीन री-टोटलिंग का कार्य होता है।

सूत्रों के मुताबिक बोर्ड के अधिकारी भी अब इस दिशा में सोच रहे हैं कि सर्वोच्च न्याय पालिका का फैसला है। आज नहीं तो कल इसे यहां लागू तो करना ही होगा। बोर्ड प्रबंधन ने अपने लीगल एडवाइजर को कोर्ट के फैसले को डाउनलोड करने और उसके अध्ययन पर लगा दिया है।

इस बार 50 हजार से अधिक आवेदन! : बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग के मुताबिक बोर्ड परीक्षाओं में बैठे कुल परीक्षार्थियों का 3 प्रतिशत विद्यार्थी री- टोटलिंग के लिए आवेदन करता है।


इस हिसाब से बोर्ड की 2011 की सीनियर सेकंडरी, सेकंडरी, वरिष्ठ उपाध्याय, प्रवेशिका आदि में बैठे करीब 18 लाख परीक्षार्थियों में से 50 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने री टोटलिंग के लिए आवेदन किया है। बोर्ड का दावा है कि इनमें से अधिकतर मामले निबटा दिए गए हैं।

1 करोड़ से ऊपर हैं उत्तर पुस्तिकाएं : बोर्ड की 2011 की परीक्षाओं में करीब 18 लाख परीक्षार्थी प्रविष्ट हुए। इन परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की संख्या 1 करोड़ से ऊपर बैठती है। इन्हें संभाल कर रखना भी एक बड़ी समस्या है। 

पिछले सालों की संभव नहीं : बोर्ड सूत्रों के मुताबिक आरटीआई के तहत अगर बीते सालों की उत्तर पुस्तिकाएं मांगी गईं, तो ये किसी भी कीमत पर उपलब्ध कराना संभव नहीं होगा। परिणाम घोषित होने के बाद एक निश्चित अवधि तय हो जाए तो पिछली कॉपियां दिखाने की समस्या नहीं रहे।

बोर्ड प्रबंधन भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश मंगा कर इसका अध्ययन करेगा। लीगल एडवाइजर से भी राय ली जाएगी। इसके बाद ही अगली रणनीति तय की जाएगी।
मिरजूराम शर्मा, सचिव, रामाशि बोर्ड(दैनिक भास्कर,अजमेर,12.8.11)

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