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06 अगस्त 2011

मेरठःआरक्षण न माना तो खत्म होगा बीएड एफिलिएशन

दलित छात्रों ने उप्र अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य प्रेमचंद गौतम व डा. भगवान सिंह के समक्ष बीएड पाठ्यक्रम संचालित करने वाले 20 कालेजों की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने कहा कि शासनादेश में स्पष्ट है कि किसी भी एससी छात्र-छात्रा से बीएड में प्रवेश दौरान फीस न ली जाये पर कालेज संचालक उनसे पूरी फीस मांग रहे है। फीस न देने पर उन्हें उपस्थिति कम करने की चेतावनी दे रहे हैं। सर्किट हाउस पर 142 ऐसे छात्रों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई। पांच को मौके पर समाधान हुआ जबकि अन्य में जांच के आदेश हुए। कैबिनेट प्रावैधिक शिक्षा मंत्री सदल प्रसाद की भांजी ममता ने आरोप लगाया कि उनसे गढ़ रोड स्थित एक संस्थान के संचालक 50 हजार रुपये फीस मांग रहे हैं। इसी संस्थान के बारे में कैलाश कुमार आजाद, हरीश कुमार व अशोक ने भी शिकायत की। इन्हीं लोगों की तरह सुशील कुमार, विपिन कुमार, रविन्द्र सिंह व शाहीन, थान सिंह, दीपक कुमार, मो. सुलेमान, मीनाक्षी आदि ने शिकायत की। आयोग के सदस्यों ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी बीएन शुक्ला को आदेश दिया कि वह तत्काल इन कालेजों से संपर्क करें। यदि वह शासन की व्यवस्था अनुसार इन छात्रों का प्रवेश नहीं करते तो उनके संचालकों को आयोग में तलब किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनकी मान्यता समाप्त करने की भी संस्तुति की जायेगी। मौके पर विवि की ओर से डीआर महेश कुमार भी उपस्थित थे। इसके साथ ही डीएन पॉलीटेक्निक की ग्रांट पर भी रोक लगाने की संस्तुति की गई। यहां पर प्रिंसिपल पद का विवाद चल रहा है(दैनिक जागरण,मेरठ,6.8.11)।

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