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09 अगस्त 2011

छत्तीसगढ़ःमेडिकल कॉलेज खोलने पर अस्पताल मुफ्त देगी सरकार

राज्य में मेडिकल कालेज खोलने वालों को 100 बिस्तर का अस्पताल मुफ्त दिया जाएगा। यानी प्राइवेट कालेज यादि चाहें तो सरकारी अस्पताल की बिल्डिंग का उपयोग अपने अस्पताल के रुप में कर सकेंगे। इस लुभावनी स्कीम के जरिये मेडिकल कालेज खोलना आसान हो गया है। शासन ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से लुभावने ऑफर के साथ प्राइवेट कालेज खोलने वालों से आवेदन मांगे हैं।

शासन और स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को पूरी उम्मीद है कि इस लुभावनी स्कीम का तगड़ा असर होगा। मेडिकल कालेज के रुप में छतीसगढ़ में इनवेस्ट करने के लिए कई लोग आगे आएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि मेडिकल कालेज शुरु करने के लिए सबसे बड़ी जरूरत अस्पताल की रहती है।

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई)के निर्धारित मापदंडों के अनुसार मेडिकल कालेज के साथ-साथ अस्पताल होना आवश्यक है। उसके बाद ही एमसीआई से मेडिकल कालेज को मान्यता मिल पाती है। ऐसी दशा में कालेज खोलने के साथ-साथ अस्पताल की बिल्डिंग बनाना भी अनिवार्य रहता है।


आमतौर पर अस्पताल की विशालकाय बिल्डिंग बनकर तैयार होने में ही औसतन तीन साल लग जाते हैं। यानी यदि इस साल किसी फर्म को मेडिकल कालेज खोलने की अनुमति मिली तो वह कम से कम तीन साल में ही पूरी तरह से प्रोजेक्ट को अस्तित्व में ला सकेगा। अब शासन से अस्पताल का भवन मुफ्त मिलने के बाद सबसे बड़ी बाधा दूर हो जाएगी और मेडिकल कालेज खोलना आसान हो जाएगा। 
5 साल तक उपयोग 

प्राइवेट मेडिकल कालेज शासन के जिला अस्पताल का उपयोग पांच साल तक ही कर सकेगा। इस दौरान उसे कालेज संचालन करने के साथ-साथ नया अस्पताल भी बनवाना होगा तब तक सरकारी अस्पताल का प्रयोग कर सकेंगे। पांच साल के दौरान अस्पताल में मरीजों और डाक्टरों से संबंधित तमाम जरूरतें पूरी करने का जिम्मा निजी अस्पताल प्रबंधन का होगा। 

चार जिलों के लिए ऑफर

शासन ने अभी चार जिलों राजनांदगांव, दुर्ग, रायगढ़ और अंबिकापुर जिले के लिए ऑफर दिया है। इन चारों जिले के अस्पताल का भवन निजी मेडिकल कालेज प्रबंधन को सौंप दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चारों जिले अलग-अलग दिशाओं में है। इन जिलों में अभी मेडिकल कालेज नहीं हैं। प्राइवेट कालेज अस्तित्व में आने के बाद राज्य की चारों दिशाओं में कालेज और अस्पताल खुल जाएंगे।

"शासन ने बेहद सोच समझकर यह फैसला लिया है। पांच साल के भीतर अस्पताल का निर्माण करने के बाद निजी कालेज सरकारी बिल्डिंग वापस करेंगे। मरीजों की सहूलियत बढ़ने के साथ-साथ मेडिकल की सीटें बढ़ेंगी।"

डॉ. कमलप्रीत सिंह, स्वास्थ्य संचालक(दैनिक भास्कर,रायपुर,9.8.11)

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