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01 अगस्त 2011

उत्तराखंडःछात्रों को रास आने लगी कन्वर्जेंस मॉडल की पढ़ाई

रेगुलर शिक्षा के साथ कन्वज्रेस मॉडल की पढ़ाई भी छात्र-छात्राओं को रास आने लगी है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा हो रहा है। राजधानी देहरादून में डीएवी (पीजी) कालेज में स्थित सेंटर में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कन्वज्रेस मॉडल में सायंकालीन कक्षाएं चलाकर छात्रों की पढ़ाई कराई जाती है। छात्रों को डिग्री इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विविद्यालय द्वारा दी जाएगी। अब एक साथ दो डिग्री लेना छात्रों के मुश्किल नहीं रह गया है। छात्र नियमित पढ़ाई के साथ-साथ छात्र कन्वर्जेंस मॉडल में प्रवेश लेकर व्यवसायिक पाठ्क्रमों की डिग्री हासिल कर सकेंगे। कन्वज्रेस मॉडल एक तरह से क्लॉस रूम व डिस्टेंस एजुकेशन का मिश्रित स्वरूप है जिसमें प्रवेश लेने वाले छात्रों को इंदिरा राष्ट्रीय गांधी मुक्त विविद्यालय द्वारा स्टडी मेटेरियल के साथ डिग्री दी जाएगी। इसमें एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए विशेष रूप से सांध्यकालीन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। मौजूदा समय में राज्य में करीब एक दर्जन महाविद्यालयों में कन्वज्रेस मॉडल के तहत पढ़ाई हो रही है। राजधानी में डीएवी (पीजी) कालेज के साथ-साथ एमकेपी (पीजी) कालेज में कन्वज्रेस मॉडल का केन्द्र बनाया गया है। इस मॉडल के तहत डीएवी (पीजी) कालेज में एमबीए, बीएड, एमए (एजुकेशन), एमसीए, मास्टर इन लाइब्रेरी एंड इन्फार्मेशन साइंस, बीसीए, बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इन्फार्मेशन सांइस, बैचलर ऑफ कामर्स विद मेजर एकाउंटेसीं एंड फाइनेंस, मॉस कम्युनिकेशन, न्यूट्रीशन एवं हेल्थ एजुकेशन एवं टीचिंग ऑफ इंगलिश कोर्सों में छात्रों को एडमिशन दिया जाएगा। शुरूआती दौर में कन्वज्रेस मॉडल में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या गिनी चुनी रहती थी। इसके कक्षाओं के संचालन में बाधा आ रही है लेकिन इस साल छात्रों का रुझान बढ़ा है। प्रोग्राम के को-आर्डिनेटर डा. आरएस दीक्षित ने बताया कि अब तक 100 से भी अधिक छात्र-छात्राओं का एडमिशन हो चुका है, जबकि प्रवेश प्रक्रिया जारी है। बीएड व एमबीए में प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा, जबकि अन्य पाठ्यक्रमों में छात्र सीधे प्रवेश ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि किसी कालेज में नियमित पढ़ाई करने वाले छात्र भी एडमिशन ले सकते हैं। डा. दीक्षित ने बताया राजधानी में विभिन्न कालेजों व संस्थानों को पत्र भेजकर कन्वर्जेंस मॉडल की खूबियों से अवगत कराया गया है, ताकि जानकारी मिलने पर छात्र इसका लाभ उठा सके(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,1.8.11)।

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