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20 अगस्त 2011

लखनऊ के दो हज़ार विद्यालयःइंटर कॉलेज या कोचिंग?

लखनऊ में करीब दो हजार विद्यालय बिना किसी मान्यता के अपने स्कूलों में कक्षा छह से बारह तक के बच्चों की पढ़ाई कराते हैं। विद्यार्थियों को बोर्ड फॉर्म भरवाते हैं, उन्हें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दिलवाते है और मार्कशीट भी बांटते हैं, इन सबके बावजूद राजधानी के शिक्षा अधिकारी ऐसे गैर मान्यताप्राप्त विद्यालयों को फर्जी स्कूल नहीं कोचिंग संस्थान का नाम देते हैं। ऐसे तथाकथित विद्यालयों को कोचिंग संस्थान का नाम देकर शिक्षा अधिकारियों ने यह जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग के जिम्मे सौंप दी है। माध्यमिक शिक्षक संघ ने इस संबंध में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि यह तो अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने वाला जैसा है। संघ के प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि यह विद्यालय जब अपने परीक्षार्थियों को यूपी बोर्ड का परीक्षा फॉर्म भरवाते हैं तो इन पर नियंत्रण भी माध्यमिक शिक्षा विभाग का ही होगा। अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जेपी मिश्र कहते हैं कि कोचिंग संचालक विद्यालय का बोर्ड लगाकर विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे में उनपर कार्रवाई बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि फर्जी स्कूलों की रोकथाम के लिए मान्यता प्राप्त विद्यालयों की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर मान्यता प्राप्त विद्यालय अपने विद्यालय में बाहर के विद्यार्थियों को बोर्ड फॉर्म भरवाना खत्म कर दे तो इन फर्जी स्कूलों का अस्तित्व अपने आप ही खत्म हो जाएगा। वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि इन तथाकथित विद्यालयों ने कोचिंग संस्थान के रूप में उच्च शिक्षा विभाग में रजिस्ट्रेशन कराया है, अगर वह किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से गलत ढंग से बोर्ड फॉर्म भरवाते हैं तो मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर कार्रवाई होगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.8.11)।

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