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01 अगस्त 2011

छत्तीसगढ़ःएआईपीएमटी में सिलेक्शन के बाद पीएमटी से हट गया था फोकस

पीएमटी के वर्तमान पैटर्न में पहली बार ऐसा हुआ है, जब रायपुर शहर के किसी बच्चे को टॉप-10 में जगह नहीं मिली है। शहर से सबसे अच्छा प्रदर्शन छात्रा संजीता पाल का रहा, जिनकी रैंक 17 है। छात्रों और परीक्षा एक्सपर्ट्स ने इसकी अलग-अलग वजहें निकाली हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक जो छात्र पीएमटी में बैठ रहे थे, उन्होंने इसके अलावा एआईपीएमटी और दूसरे राज्यों की मेडिकल परीक्षाओं में भी अप्लाई कर रखा था। शहर में ऐसा करने वालों की संख्या ज्यादा थी। दो बार परीक्षा रद्द होने के बाद शहर के छात्रों का उत्साह परीक्षा के प्रति और कम हो गया था।

ऐसे छात्रों की संख्या भी बहुत है, जिन्होंने एआईपीएमटी में नाम आने के बाद पीएमटी से किनारा कर लिया था। पीएमटी परीक्षा एक्सपर्ट प्रदीप चक्रवर्ती कहते हैं, जिस समय पीएमटी की दूसरी और तीसरी बार परीक्षा हो रही थी, उसी समय एआईपीएमटी के अलावा अन्य प्रदेशों के मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया चल रही थी, चूंकि यहां की परीक्षा विवादित हो गई थी, इसलिए रायपुर के छात्रों ने अपना फोकस एआईपीएमटी पर रखा।

एक्सपर्ट विकास जैन कहते हैं, छात्रों में सेफ विकल्प तलाशने की आदत होती है, तो छात्रों ने एआईपीएमटी काउंसिलिंग के पहले ही दौर में च्वॉइस को लॉक करना ठीक समझा। परीक्षा के दो बार स्थगित होने से भी छात्रों का मनोबल कमजोर हुआ।


संजीता ने किया सिटी टॉप

शिक्षक माता-पिता की पुत्री संजीता पाल ने राजधानी में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। पीएमटी में संजीता को 17वीं रैंक मिली है। परीक्षा से जुड़े अपने अनुभव शेयर करते हुए वह कहती हैं, दोबारा पेपर लीक होने के बाद हमारे साथियों का परीक्षा से मोहभंग हो गया था। एक परीक्षा को तीन बार देना वास्तव में कष्टकारी होता है(दैनिक भास्कर,रायपुर,1.8.11)।

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