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28 अगस्त 2011

निजी विवि से संबंधित कानून में होगा संशोधन, समिति ही तय करेगी फीस

निजी विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले कोर्सेस की फीस प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति (एएफआरसी) तय करेगी। साथ ही समिति इन संस्थाओं की एडमिशन प्रक्रिया पर निगाह भी रखेगी। इसके लिए निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन अधिनियम 2007 में संशोधन किया जाएगा।

यह फैसला शनिवार को चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों की बैठक में हुआ। बैठक में संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एससी तिवारी, निजी विश्वविद्यालय आयोग के अध्यक्ष अखिलेश पांडे मौजूद थे।

आयोग के अध्यक्ष श्री पांडे ने बताया कि फीस एवं प्रवेश निर्धारण का अधिकार अधिनियम के मुताबिक निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग को है। ये दोनों अधिकार प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण समिति (फीस कमेटी) को देने के लिए सरकार अधिनियम में संशोधन करेगी।


श्री पांडे के मुताबिक फीस कमेटी को यह अधिकार मिलने से प्राइवेट यूनिवर्सिटी प्रबंधक खुद की मर्जी से फीस तय नहीं कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि समिति की बैठक पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेंस (पीसीएमएस) प्रबंधन द्वारा सरकारी कोटे की 66 सीटों पर छात्रों को प्रवेश देने से इनकार करने के बाद बुलाई गई थी।

पीपुल्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन तत्काल एडमिशन देने की प्रक्रिया शुरू करे। ऐसा न करने पर प्रबंधन के विरुद्ध निजी विवि आयोग कार्रवाई करेगा। यह निर्देश प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आईएस दांणी ने पीसीएमएस अधिकारियों को जारी नोटिस में दिए हैं। वहीं पीसीएमएस के डीन डॉ. वीके पंड्या ने कॉलेज की 66 सीटें सरकारी कोटे से आवंटित होने की जानकारी होने से इंकार किया है(रोहित श्रीवास्तव,दैनिक भास्कर,भोपाल,28.8.11)।

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