मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

09 अगस्त 2011

लविवि की फर्जी मार्कशीट!


लखनऊ विविद्यालय में सोमवार को एमएससी में प्रवेश लेने आये तीन अभ्यर्थियों को फर्जी अंकपत्रों के साथ पकड़ा गया। तीनों अभ्यर्थी बीएससी के बायो ग्रुप के थे। इनमें दो छात्राएं व एक छात्र हैं। विविद्यालय ने अंकपत्र तो जब्त कर लिए हैं, लेकिन अभ्यर्थियों को छोड़ दिया है। तीनों अंकपत्रों के मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी। मुख्य प्रवेश समन्वयक प्रो. पद्मकांत ने प्राक्टर प्रो. यूडी मिश्र को तीनों फर्जी अंकपत्रों को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए लिखा है। निदेशक प्रवेश के यहां से भेजे गये तीनों अंकपत्रों में पता न होने से अब प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई मंगलवार को हो सकती है। विविद्यालय प्रशासन अब फर्जी अंकपत्र तैयार कराने वाले मास्टर माइंड की तलाश में जुटेगा। तीनों फर्जी अंकपत्र लखनऊ विविद्यालय के हैं। विविद्यालय के प्राक्टर प्रो. यूडी मिश्र ने बताया कि मंगलवार को आगे की कार्रवाई होगी। सूत्रों का कहना है कि अंकपत्र के खेल में शामिल लोग कुछ रसूखदार लोगों से जुड़े हैं। उन तक हाथ डालने के लिए अभी तक विविद्यालय को सूत्र नहीं मिल पा रहे हैं। अंकपत्र हू-ब- हू देखने में असली लगते हैं। उन्हें कम्प्यूटर से तैयार किया गया है। काउंसलिंग के दौरान अंकपत्र पर हस्ताक्षर देखकर विविद्यालय के अधिकारी चौंके और उन्होंने संदेह होने पर तत्काल कम्प्यूटरीकृत अंकपत्रों की तलाश की, लेकिन विविद्यालय से जारी रोल नम्बर से मैच नहीं होने से संदेह की पुष्टि हो गयी। इधर विवि प्रशासन ने काउंसलिंग कराने आयी दोनों छात्राओं व एक छात्र को छोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि विविद्यालय में फर्जी तरीके से दाखिले का खुलासा राष्ट्रीय सहारा ने स्नातक की काउंसलिंग से ही किया था। बीकाम में फर्जी तरीके से फीस की रसीद लेकर छात्र से दस हजार रुपये ऐंठ लिए गये थे। इस मामले में विविद्यालय ने अभी तक कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज करायी है। पर इस बार बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है। इनकी काउंसलिंग में मूल कागजों की जांच में मामला न फंसता तो विवि में प्रवेश दिलाने वाले रैकेट की एक और कड़ी का खुलासा न होता। इस बात की आशंका ज्यादा है कि इसके पीछे कोई रैकेट काम कर रहा है और उसका सरगना पूरे खेल को पर्दे के पीछे से संचालित कर रहा है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,9.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।