मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

18 अगस्त 2011

राजस्थानःस्कूलों में शुरू होगा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम

जापान के फुकोशिमा परमाणु रिएक्टर दुर्घटना के बाद देश में आणविक ऊर्जा कार्यक्रम जारी रखने व प्राकृतिक आपदा में रेडियोलॉजिकल इमरजेंसी से लोग प्रभावित नहीं हों, इसके लिए अंतराष्ट्रीय स्तर के संरक्षा मापदण्ड अपनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री स्वयं संरक्षा उपायों की समीक्षा कर रहे हैं।
यह बात राजस्थान परमाणु बिजलीघर विक्रमनगर सभागार में न्यूक्लियर आपदा प्रबंधन पर आयोजित कार्यशाला में राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एम. शशिधरन रेड्डी ने कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम शामिल कर रहा है। इससे आपदा की स्थिति में आमजन का सहयोग लिया जा सकेगा।

रेड्डी ने कहा कि विश्व में नाभिकीय संयंत्रों में अब तक 15 दुर्घटनाएं हुई। इनमें से चेर्नोबिल में 30 मौतें हुई। यह भी चेर्नोबिल रिएक्टर में लापरवाही का नतीजा था। फुकोशिमा हादसे ने हमें नया अनुभव दिया है। नई परियोजनाओं की डिजाइन में सुनामी, भूकम्प, भारी बरसात की स्थिति में संयंत्रों में बिजली गुल नहीं हो जैसे परिवर्तन के प्रयास किए जा रहे हैं। चार बटालियनें तैयार 
रेड्डी ने कहा कि देश में केमिकल, बायलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल दुर्घटनाओं में आपदा और राहत कार्यो के लिए चार दक्ष बटालियनें तैयार की गई हैं।
चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण 
नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से चिकित्सकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। विकिरण प्रभावित लोगों की जांच व उपचार में दक्ष चिकित्सकों की मदद मिलेगी(राजस्थान पत्रिका,रावतभाटा,18.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।