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15 अगस्त 2011

बिहारःमोतिहारी में नहीं बनेगा केंद्रीय विश्वविद्यालय!

पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के बिहार सरकार की मांग को केंद्र द्वारा सिरे से खारिज कर दिए जाने के बाद यह मुद्दा गर्माने लगा है। मामले से सीधे तौर पर जुड़े मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने साफगोई से कहा कि सरकार मोतिहारी में जमीन की व्यवस्था कर चुकी है, सड़क मार्ग से वह राजधानी से जुड़ चुका है इसलिए अब कदम वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता। प्रधान सचिव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के हर क्षेत्र में शिक्षा का फूल खिलाना चाहती है, नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे यही मकसद है और मोतिहारी में भी। उन्होंने कहा कि केंद्र आइआइटी, बिहटा को प्रदत्त जमीन पर केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाना चाहता है जो नियम विरुद्ध होगा। दरअसल, शुक्रवार को राज्यसभा में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने जदयू सांसद शिवानंद तिवारी द्वारा मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की राज्य सरकार की मांग से संबंधित सवाल के जवाब में घोषणा की थी कि मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का कोई इरादा नहीं है, विश्वविद्यालय पटना में ही बनेगा। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि केंद्र का यह फैसला संघीय व्यवस्था के प्रावधान के खिलाफ है। केंद्र का तर्क है कि मोतिहारी में आधारभूत संरचना और कनेक्टिविटी न होने के चलते अच्छे फैकल्टी मेंबर नहीं जा सकेंगे और न ही मेधावी छात्र उस विवि की ओर मुखातिब होंगे। सिब्बल के अनुसार, राज्य सरकार को मोतिहारी के अलावा और भी विकल्प देने चाहिए थे मगर उसने ऐसा नहीं किया। अप्रैल में बिहटा में नीतीश ने सिब्बल से मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि इसके लिए समुचित भूमि अर्जित की जा चुकी है तथा राजधानी से सड़क के जरिये उस स्थान को जोड़ दिया गया है। वहां विश्वविद्यालय बनने से उस क्षेत्र का विकास हो जाएगा(दैनिक जागरण,पटना,स्वतंत्रता दिवस,2011)।

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