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22 सितंबर 2011

आइआइटी : 2013 से नए पैटर्न में जेईई

2013 से आइआइटी जेईई नए प्रारूप में होगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आइआइटी) रोपड़ प्रबंध मंडल के अध्यक्ष शिक्षाविद् टी. रामास्वामी की अध्यक्षता वाली समिति की संस्तुतियों को स्वीकार कर इसका संकेत दे दिया है। आईआईटी काउंसिल ने भी इस पर सहमति जताई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, आइटी वाराणसी एवं आइएसएम धनबाद में प्रवेश के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) 2013 में नई व्यवस्था लागू होगी। आइआइटी के निदेशक प्रो. संजय गोविंद धांडे ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इसमें एप्टीट्यूड टेस्ट के प्रदर्शन के साथ ही राज्यों के शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा में किए गए, प्रदर्शन को भी स्थान मिलेगा। दोनों की भागीदारी 50-50 फीसदी होगी। देश के 42 परीक्षा बोर्डो के परीक्षार्थियों को विषयवार मिलने वाले प्राप्तांकों का आंकलन कर उसे परसेंटाइल यूनिट देने का माध्यम बनाया गया है। इसकी गणना के लिए इंडियन साइंस कॉलेज बेंगलूर के दो प्रोफेसरों ने वर्चुअल बोर्ड का सुझाव दिया है। यह आइआइटी काउंसिल को पसंद आया और उन्हें कार्य करने की सलाह भी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा का बोझ कम करने, इसको व्यावसायिक लाभ का साधन बनने से बचाने, तनाव घटाने व कोचिंग के दुष्परिणाम रोकने के लिए यह व्यवस्था की गई है। जेईई 2013 में 50 फीसदी भागीदारी एप्टीट्यूड टेस्ट की होगी। इसमें भौतिक, रसायन एवं गणित के साथ ही रीजनिंग के सवाल भी होंगे। सैट परीक्षा की तर्ज पर टेस्ट होने की संभावना है। आइआइटी काउंसिल की संस्तुतियां ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड को दी जाएंगी। इसके पश्चात ही जईई 2013 का पूरा प्रारूप बनेगा। प्रो. धांडे ने कहा कि एनआइटी एवं मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में भी यह लागू हो तो बेहतर होगा(दैनिक जागरण,कानपुर,22.9.11)।

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