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22 सितंबर 2011

धनबादःआईएसएम में होगी सेंट्रल रिसर्च फैसिलिटी

इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आईएसएम) जल्द ही सेंट्रल रिसर्च फैसिलिटी से लैस होगा। बुधवार को आईएसएम एक्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई। आईएसएम में प्रस्तावित सेंट्रल रिसर्च फैसिलिटी बिहार-झारखंड की पहली और पूर्वोत्तर भारत की दूसरी होगी। इस संबंध में जल्द ही एक कमेटी बनाई जाएगी, जो देश भर में मौजूद रिसर्च फैसिलिटी का अध्ययन कर डीपीआर तैयार करेगी। आईएसएम प्रबंधन के अनुसार संस्थान की मौजूदा लेबोरेटरी में सिर्फ स्टूडेंट्स के लिए प्रैक्टिकल की सुविधाएं हैं।

रिसर्च स्कॉलर्स के लिए अगल से लैब नहीं होने की वजह से उन्हें भी इसी लैब का इस्तेमाल करना पड़ता है। बैठक में आईएसएम के चेयरमैन पीके लाहिड़ी, निदेशक डीसी पाणिग्रही, सीएमपीडीआई के सीएमडी एके सिंह, अलीगढ़ मुस्लिम विवि के प्रो हामिद अली, सेंट्रल वेयर हाउस के बीपी साह, डीजीएमएस के डीडीजी बीपी आहुजा मौजूद थे।


आईआईटी का प्रस्ताव पास
बोर्ड ने आईएसएम को आईआईटी बनाने के प्रस्ताव को भी पास कर दिया। अब इसे मानव संसाधन विकास विभाग के समक्ष रखा जाएगा।

वाटर रिसोर्स व माइंस सेफ्टी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी जल्द
आईएसएम एक्जीक्यूटिव बोर्ड ने वाटर रिसोर्स और माइंस सेफ्टी के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया। अब तक यहां सिर्फ माइनिंग इन्वायरन्मेंटल का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस था। रजिस्ट्रार डॉ सिंह ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में इन दोनों विषयों की काफी डिमांड है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से रिसर्च के क्षेत्र में काफी बढ़ावा मिलेगा।

दो सत्रों का बजट मंजूर
बोर्ड की बैठक में सत्रों 2011-12 और 2012-13 के लिए आईएसएम के बजट को मंजूरी दे दी गई। सत्र 2011-12 में का बजट 155.8 करोड़ का है। निर्माण कार्य पर 105 करोड़ खर्च होंगे। इसके अगले सत्र का बजट 189 करोड़ का होगा, जिनमें से 128.5 करोड़ रुपए निर्माण कार्य पर खर्च होंगे।
रिसर्च स्कॉलर्स को जल्द ही विश्वस्तरीय रिसर्च सुविधाएं उपलब्ध होंगी। बोर्ड ने इसकी स्थापना को मंजूरी दे दी है। बजट तैयार करने के लिए एक कमेटी देश भर की रिसर्च फैसिलिटी का अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपेगी। कर्नल एमके सिंह, रजिस्ट्रार, आईएसएम(दैनिक भास्कर,धनबाद,22.9.11)

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