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28 अक्तूबर 2011

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालयः5 महीने बाद डूब जाएंगे 3.38 करोड़ रुपए

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) से मिले करोड़ों रुपए ३१ मार्च २क्१२ को लैप्स हो जाएंगे। ११वें प्लान के तहत वर्ष २क्क्७ में मिले ६.७६ करोड़ रुपए से विश्वविद्यालय में आधारभूत विकास, सेमिनार, वर्कशॉप, शोध कार्य और छात्रों को कोचिंग जैसे जरूरी काम करवाने थे लेकिन अब तक महज आधी राशि ही स्वीकृत करवाई जा सकी है। ऐसे में कई महत्वपूर्ण योजनाएं अधूरी पड़ी हैं तो कुछ का श्रीगणोश ही नहीं हो पाया।

पं. रविशंकर शुक्ल वि.वि. को यू.जी.सी. और राज्य सरकार से पर्याप्त अनुदान मिलता है लेकिन उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। डीबी स्टार टीम ने इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि वि.वि. को यू.जी.सी. से ११वें प्लान के तहत वर्ष 2007 में कुल 6,76,50,000 रुपए आवंटित हुए थे। इस राशि को अलग-अलग कुल 15 विकास कार्य, आधारभूत संरचना से लेकर कोचिंग योजनाओं पर खर्च करना था। जबकि साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी वि.वि. महज 94.04 लाख रुपए ही स्वीकृत करवा पाया। यू.जी.सी. रिकॉर्ड के अनुसार 2,44,21,000 रु. स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं। इस तरह कुल मिलाकर 3,38,25,000 की स्वीकृति अभी भी शेष है।
उधर टीम ने बची राशि की स्वीकृति के लिए जारी प्रक्रिया की पड़ताल की तो पता चला कि अब आनन-फानन में प्रपोजल तैयार करवाए जा रहे हैं। इसके बाद इन्हें कार्य परिषद् की बैठक में रखा जाएगा। यहां से स्वीकृति मिलने के बाद यू.जी.सी. (दिल्ली स्थित कार्यालय) को प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहीं, जो प्रपोजल तैयार किए जा रहे हैं वे आधारभूत संरचना के विकास से संबंधित हैं, जबकि दूसरे ग्रांट की राशि तब तक जारी नहीं की जा सकती जब तक वि.वि. पूर्व में हुए कार्य की उपयोगिता सर्टिफिकेट नहीं भेज देता। वि.वि. के प्रशासनिक अफसरों के मुताबिक इस प्रक्रिया में कम से कम दो महीने का समय लगेगा। टीम ने जब इस संबंध में ग्रांट सेल के प्रभारी प्रो. ए.के. गुप्ता से सीधी बात की तो उनका कहना था, मैं आपको कुछ भी नहीं बता सकता, जो पूछना है कुलसचिव से पूछें। उधर कुलसचिव के.के. चंद्राकर कह रहे हैं कि दिसंबर तक शेष राशि की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज दिया जाएगा।


किस स्कीम के तहत स्वीकृत कितना हुआ आवंटन (रु. में) कितना करवा पाए स्वीकृत (रु. में)
1- ट्रेवल ग्रांट 40,00,000 20,00,000
2- कॉन्फ्रेंस/सेमिनार/वर्कशॉप 25,00,000 12,50,000
3- पब्लिकेशन ग्रांट 10,00,000 5,00,000
4- अप्वॉइनमेंट ऑफ विजटिंग प्रोफेसर 20,00,000 10,00,000
5- डे केयर सेंटर 5,00,000 2,50,000
6- स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इक्यूपमेंट 50,00,000 25,00,000
7- स्पेशल ग्रांट फॉर यूनिवर्सिटी, 1,00,00,000 ५क्,00,000
इन बेकवर्ड/ रुलर/ रिमोट/ बोर्डर एरिया
8- ग्रांट फॉर यंग यूनिवर्सिटी एंड रेजुवेशन 50,00,000(आर्ट्स ब्लॉक) 25,00,000
९- ग्रांट फॉर ओल्ड यूनिवर्सिटीज 50,00,000(साइंस ब्लॉक) 25,00,000
१क्- इंस्ट्रूमेंटेशन मेंटेनंस फेसिलिटिज 32,50,000 16,25,000
1१- कंस्ट्रक्शन ऑफ वुमन हॉस्टल 1,00,00,000 50,00,000
1२- बेसिक फेसिलिटिज ऑफ वुमन 50,00,000 25,00,000
1३- फैक्लटी इम्पॉवरमेंट प्रोग्राम 10,00,000 5,00,000
1४- इक्यूअल ऑपरच्युनिटी सेल 2,00,000 1,00,000
1५- कोचिंग स्कीम फॉर एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी.
(ए) रेमेडियल कोचिंग 40,00,000 20,00,000
(बी)इंट्री इंटू सर्विस 40,00,000 20,00,000
(सी)कोचिंग फॉर नेट एग्जाम 40,00,000 20,00,000
15- यूनिवर्सिटी हेविंग हायर परसेंटेज ऑफ 
एस.टी./एस.सी./ओ.वी.सी./ वुमन स्टूडेंट 10,00,000 5,00,000
कुल ६,७६,५क्,क्क्क् ३,३८,२५,क्क्क्

जो भी जानकारी चाहिए कुलसचिव से लें
मैं आपके किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दे सकता और न ही इसके लिए अधिकृत हूं। वैसे भी मैं प्रोफेसर हूं और बतौर इंचार्ज ग्रांट सेल का काम देख रहा हूं। आपको जो भी पूछना है कुलसचिव से पूछें, वे ही अधिकृत हैं। अगर उन्हें कुछ दस्तावेज चाहिए तो मैं दे दूंगा लेकिन आपको कोई जानकारी नहीं दे सकता। 
प्रो. ए.के. गुप्ता, प्रभारी ग्रांट सेल, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय

देर हो चुकी है, दिसंबर तक प्रस्ताव भेज दिए जाएंगे
हां, यह सच है कि अभी तक हम आधा पैसा ही स्वीकृत करवा पाए हैं। उसमें से भी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काफी काम बचा है। जहां तक प्रपोजल तैयार करने का सवाल है तो वह 99 प्रतिशत कर लिया गया है। दिसंबर तक उसे भेज भी दिया जाएगा। शेष मदों की बात है, वह तो राशि खर्च होने और उसके उपयोगिता प्रमाण पत्र के बाद ही स्वीकृत हो पाएगी। पैसा लैप्स तो नहीं होने देंगे। 
के.के. चंद्राकर, कुलसचिव, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय(प्रशांत गुप्ता,दैनिक भास्कर,रायपुर,28.10.11)

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