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03 अक्तूबर 2011

उच्च शिक्षा पर शुरू होंगे 50 शैक्षणिक चैनल

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 50 शैक्षणिक चैनल शुरू करने की योजना बनाई है जो उच्च शिक्षा के विभिन्न विषयों पर आधारित होंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस विषय पर हाल ही में अंतरिक्ष विभाग को पत्र लिखा है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को इसके लिए दो ट्रांसपोंडर प्रदान करने की मंजूरी देने का आग्रह किया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा-‘‘हमने डीटीएच माध्यम से 50 शैक्षणिक चैनल शुरू करने की योजना बनाई है। इसके लिए दो ट्रांसपोंडर उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।’’


उन्होंने कहा कि प्रारंभ में हमारी योजना विभिन्न विषयों से संबंधित करीब एक हजार चैनल शुरू करने की थी जिसके लिए एक पूरे उपग्रह की जरूरत होती। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। अधिकारी ने कहा-‘‘अब हमने 50 चैनल शुरू करने की योजना को अंतिम रूप दिया है और दो ट्रांसपोंडर मांगे हैं। ये ट्रांसपोंडर हमें जल्द प्राप्त होने की उम्मीद है। प्रारंभ में इसका बजट 100 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है।’’ उन्होंने बताया कि अगर कोई रसायन विज्ञान का छात्र है तो भौतिक रसायन, कार्बनिक रसायन और अकार्बनिक रसायन सभी के लिए अलग-अलग चैनल होगा। इसी प्रकार से जीव विज्ञान में प्राणी विज्ञान और वनस्पति विज्ञान दोनों के लिए अलग-अलग चैनल होंगे। गणित के अलग-अलग विषयों के लिए अलग-अलग चैनल होंगे। इसी प्रकार से सामाजिक विज्ञान के विभिन्न विषयों पर अलग-अलग चैनल होंगे। गौरतलब है कि शिक्षा के प्रसार को ध्यान में रखते हुए 2004 में ‘एडुसेट’ का प्रक्षेपण किया गया था जो पिछले वर्ष सितम्बर में सेवा से हटा लिया गया। अधिकारी ने बताया-‘‘इन 50 चैनलों के लिए कार्यक्रम तैयार कर लिये गए हैं।’’

अधिकारी ने कहा-‘‘हमें पहले ही दो ट्रांसपोंडर प्राप्त हो जाते लेकिन पिछले वर्ष जीएसएलवी के विफल रहने के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका। हाल के उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के बाद हमें जल्द ही दो ट्रांसपोंडर प्राप्त हो सकेंगे।’’ मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संबंधी शिक्षा के प्रसार के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन शिक्षण कार्यक्रम (एनपीटीईएल) पेश किया है। आईआईटी और आईआईएससी के माध्यम से प्रौद्योगिकी आधारित कार्यक्रम तैयार करने और चैनलों के माध्यम से इसका प्रसारण करने की योजना बनाई गई है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,3.10.11)।

1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

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