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18 अक्तूबर 2011

हिमाचल में लेक्चरर भर्ती मामला: उच्च शिक्षा के मापदंड दरकिनार

प्रदेश में कॉलेज काडर लेक्चरर भर्ती में उच्च शिक्षा के मापदंड को दरकिनार कर दिया गया है। एमफिल और पीएचडी सहित अन्य अनुभवों के इंटरव्यू में कोई अंक नहीं मिलते हैं।

इस तरह सूबे की कॉलेज काडर की लेक्चरर भर्ती प्रक्रिया में गुड अकेडमिक रिकॉर्ड के कोई मायने नहीं है। यहां तक कि भर्ती नियमों में इसकी व्याख्या ही उपलब्ध नहीं है। आरटीआई के तहत कॉलेज काडर लेक्चरर भर्ती प्रक्रिया को लेकर मांगी गई एक ऐसी ही सूचना में इस तरह की जानकारी दी गई है।


हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग से संतोष कुमार ठाकुर ने कॉलेज काडर लेक्चरर में गुड एकेडमिक रिकार्ड को लेकर जानकारी मांगी थी। उनको उपलब्ध करवाई गई जानकारी में बताया गया कि भर्ती-एक शाखा में गुड अकेडमिक रिकॉर्ड की कोई व्याख्या नहीं है। साथ ही यह भी बताया गया कि ओवरऑल परफारमेंस के लिए शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव को अंकों में विभाजित नहीं किया जाता। हालांकि 20-7-2007 के भर्ती एवं पदोन्नति नियम के अनुसार संबद्ध विषय में एम फिल की उपाधि रखने वाले अभ्यर्थियों को नेट (एनईटी) से छूट है।


क्या है विवाद का कारण

विवाद का कारण यह है कि आरटीआई की सूचना कहती है कि भर्ती प्रक्रिया में गुड एकेडमिक रिकार्ड की कोई व्याख्या नहीं है। इसके ठीक विपरीत शिक्षा मंत्री आईडी धीमान मानते हैं कि भर्ती प्रक्रिया में उच्च शिक्षा सहित विषय संबंधी अनुभव जरूर मायने रखते हैं। ऐसे में विरोधाभास भरी जानकारी से युवा उलझन में है। 

सरकार स्थिति स्पष्ट करे : सकलानी

हिमाचल प्रदेश राजकीय कॉलेज लेक्चरर कांट्रेक्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जोगिंद्र सकलानी का कहना है कि सरकार को गुड एकेडमिक रिकार्ड की स्पष्ट व्याख्या होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग तो कांट्रेक्ट कॉलेज लेक्चरर को सरकारी शिक्षक ही नहीं मानता। उन्होंने कहा कि यह सूचना भी आयोग ने ही दी है। 

ऐसे में सरकार को चाहिए कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम लगे शिक्षकों को तो पूर्व की तरह सभी सुविधाएं दें। उनका कहना है कि कांट्रेक्ट लेक्चररों का तो सीपीएफ तक नहीं काटा जाता, जिससे उनको किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं है।

क्या कहते हैं शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री आईडी धीमान का कहना है कि आयोग की भर्ती का अपना फार्मूला होता है। फिर भी एम फिल और पीएचडी सहित अन्य अनुभवों को इंटरव्यू के समय जरूर देखा जाता है। उनके अनुसार उच्च शिक्षा भर्ती प्रक्रिया में बिल्कुल मैटर करती है। इसके अलावा यूजीसी नियमों को भर्ती प्रक्रिया में आधार बनाया जाता है(कुलदीप शर्मा,दैनिक भास्कर,शिमला,21.10.11)।

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