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21 अक्तूबर 2011

जम्मू-कश्मीरःपहाड़ियों को एसटी का दर्जा देने के हरसंभव प्रयास

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहाड़ी भाषियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के लिए वे भरपूर प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को पहले ही सिफारिश की हुई है। वीरवार को पहाड़ी विकास बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार केंद्र सरकार पर पर पहाड़ी बोलने वाले लोगों को एसटी का दर्जा देने के लिए दबाव बना रही है। वहीं उमर ने यह भी कहा कि अलग-अलग समुदायों के लिए अलग-अलग होस्टल बनाने के स्थान पर एक मेगा होस्टल का निर्माण करना चाहिए। इससे एक छत के नीचे सभी समुदाय के बच्चों को घर जैसा वातावरण मिलेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में सिर्फ एक मेगा होस्टल वाले डिग्री कॉलेज तैयार किए जाएंगें।
बैठक में मुख्यमंत्री ने पहाड़ी भाषियों के विकास के विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी और अन्य प्रस्तावों को समाज कल्याण विभाग के माध्यम से सरकारी मंजूरी के लिए भेजने को कहा। उन्होंने होस्टलों में पहाड़ी विद्यार्थियों को पार्ट टाइम कोचिंग की मंजूरी भी दी। सरकार की उपलब्धि बताते हुए उमर ने कहा कि गत ढ़ाई वर्ष के दौरान सरकार ने पहाड़ी बोर्ड के लिए 2.40 करोड़ से 14 करोड़ तक ग्रांट बढ़ाई है। इस मौके पर उन्होंने श्रीनगर तथा जम्मू में पहाड़ी सराय के निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। वहीं जेएंडके स्टेट सलाहकार बोर्ड पर पहाड़ी के वायस चेयरमैन मुश्ताक अहमद द्वारा पावर प्वाइंट पेश कर बोर्ड की उपलब्धियों पर रोशनी डाली(दैनिक भास्कर,श्रीनगर,21.10.11)।

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