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17 नवंबर 2011

पीटीयू के 12 हजार छात्र नहीं दे सकेंगे परीक्षा

पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेजों ने रुपये बटोरने के चक्कर में विद्यार्थियों को थोक के भाव में प्रोविजनल एडमिशन दे दिए। जब परीक्षा की बारी आई तो कॉलेजों ने विद्यार्थियों को ठेंगा दिखा दिया।

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा का रिजल्ट जारी नहीं किया, जिससे विद्यार्थी अभी तक कॉलेजों में अपनी मार्क्‍सशीट जमा नहीं करवा सके हैं। पीटीयू ने कॉलेजों को दो टूक कहा कि प्रोविजनल एडमिशन वाले जिन विद्यार्थियों के पूरे दस्तावेज जमा नहीं किए उनकी परीक्षा नहीं ली जाएगी। पीटीयू की पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं सात दिसंबर से शुरू होनी हैं, जिससे कॉलेजों में प्रोविजनल एडमिशन लेने वाले विद्यार्थी फंस चुके हैं।

लुधियाना के करीब एक हजार और राज्यभर के दस हजार से अधिक विद्यार्थियों का एक साल बर्बाद हो गया। अब सवाल यह उठता है कि क्या कॉलेज विद्यार्थियों की फीस के रुपये वापस करेंगे? टेक्निकल कॉलेजों ने एडमिशन के वक्त रुपये बटोरने के चक्कर में उन विद्यार्थियों को भी दाखिला दे दिया, जिनकी 12वीं कक्षा में कंपार्टमेंट क्लियर नहीं थी।


कॉलेजों ने विद्यार्थियों को प्रोविजनल एडमिशन देकर उनसे लाखों रुपये दाखिला फीस इकट्ठा कर ली। कॉलेजों की ठगी का खेल तब सामने आया, जब पीटीयू ने प्रोविजनल एडमिशन वाले विद्यार्थियों की परीक्षा लेने से इनकार कर दिया। इसके लिए कॉलेज प्रबंधक स्कूल शिक्षा बोर्ड को जिम्मेदार ठहरा रहा है। क्योंकि कंपार्टमेंट परीक्षा का रिजल्ट अब तक जारी नहीं किया गया, जिससे दाखिला निरस्त हुआ है।

बता दें कि पीटीयू से एफिलिएटेड राज्य भर के अलग-अलग निजी कॉलेजों ने सितंबर माह तक विद्यार्थियों को दाखिला देते रहे। विद्यार्थियों से पहले सेमेस्टर की फीस के तौर पर 50 हजार रुपये तक वसूले गए। विद्यार्थियों को उम्मीद थी कि कंपार्टमेंट की परीक्षा का रिजल्ट आने पर उनका दाखिला रेगुलर हो जाएगा। लेकिन एसजीपीसी चुनावों की वजह से परीक्षा देरी से हुई। इसके चलते अभी तक रिजल्ट नहीं आया है।

इधर, पीटीयू कॉलेजों में दाखिल विद्यार्थियों के सभी दस्तावेजों की जांच 31 अक्तूबर से पहले कर देता है। 31 अक्तूबर तक किसी विद्यार्थी के दस्तावेज पूरे नहीं हों तो उसका दाखिला निरस्त कर दिया जाता है। इसी वजह से राज्यभर के हजारों विद्यार्थियों का एक साल बर्बाद हो गया। 

राज्य में 293 कॉलेज हैं। प्रत्येक कॉलेज में औसत 30 विद्यार्थियों ने प्रोविजनल एडमिशन ली है। इसके अलावा पीटीयू के 2000 से अधिक स्टडी सेंटर भी हैं। इन सेंटरों में भी विद्यार्थी अलग-अलग तरह के कोर्स करते हैं। इससे विद्यार्थियों का आंकड़ा 10 हजार के पार हो जाता है। विद्यार्थियों की मानें तो उनसे फीस के तौर पर 50 हजार रुपये तक वसूले गए हैं। अगर इस फीस को औसत 30 हजार रुपये भी मान लिया जाए तो ऐसे में कॉलेजों ने विद्यार्थियों 30 करोड़ के करीब रुपये बटोरे जा चुके हैं।

निजी कॉलेजों का खेल

विद्यार्थियों का एक साल बर्बाद
लाखों रुपये की फीस फंसी
राज्य में 293 कॉलेज हैं 
पीटीयू के 2000 से अधिक स्टडी सेंटर भी हैं।
लुधियाना में 1000, राज्यभर में 12000 से ज्यादा फंसे

ऐसे ठगे गए छात्र 

निजी कॉलेज सितंबर तक विद्यार्थियों को दाखिला देते रहे। पहले सेमेस्टर की फीस के तौर पर 50 हजार रुपये तक वसूले। विद्यार्थियों को उम्मीद थी कि कंपार्टमेंट की परीक्षा का रिजल्ट आने पर दाखिला रेगुलर हो जाएगा। लेकिन एसजीपीसी चुनावों की वजह से परीक्षा देरी से हुई। इसके चलते अभी तक रिजल्ट नहीं आया है।

इस बार परीक्षाएं देर से हुई हैं। इससे रिजल्ट देर से होना स्वाभाविक है। जिन विद्यार्थियों को एडमिशन के लिए दिक्कत हो रही है, वो बोर्ड से कॉन्फिडेंशियल रिजल्ट मंगवाने के लिए अप्लाई करें। बोर्ड उन्हें रिजल्ट दे देगा।

-डॉ. सुरेश कुमार टंडन, वाइस चेयरमैन पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड 

पीटीयू किसी को प्रोविजनल एडमिशन नहीं देती। जिन बच्चों के 31 अक्तूबर तक दस्तावेज मिले हैं, उन्हें ही यूनिवर्सिटी की तरफ से रोल नंबर जारी किए जाएंगे। यह कॉलेजों की सिरदर्दी है कि वह विद्यार्थियों के साथ क्या करते हैं। 

रजनीश, प्रवक्ता पीटीयू जालंधर(राजेश भट्ट,दैनिक भास्कर,लुधियाना,17.11.11)

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