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31 अक्तूबर 2011

डीयू के वीसी ने कहाःसेमेस्टर सिस्टम में होंगे बड़े बदलाव

डीयू के वाइस चांसलर प्रो. दिनेश सिंह ने ठीक एक साल पहले जब अपना पदभार संभाला था, उस समय यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर को लेकर बवाल मचा हुआ था और उनके सामने अंडरग्रैजुएट लेवल पर सभी कोर्सेज को सेमेस्टर के दायरे में लाना ही सबसे बड़ी चुनौती थी। सेशन 2011-12 में सभी कोर्सेज में सेमेस्टर सिस्टम लागू हो चुका है। वीसी के रूप में एक साल के अनुभव और आगे की योजनाओं के बारे में प्रो. सिंह ने एनबीटी के साथ बातचीत की। उन्होंने बताया कि अगले दो साल में सेमेस्टर सिस्टम में बड़े बदलाव होंगे। 2013 में चार साल के ग्रैजुएशन कोर्स शुरू करना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा डीयू की स्पोर्ट्स पॉलिसी भी बदली जाएगी। इंटरकॉलेज, यूनिवर्सिटी, नैशनल व इंटरनैशनल लेवल पर यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करने वाले स्टूडेंट्स के लिए नई स्पोर्ट्स पॉलिसी में क्रेडिट स्कीम शुरू होगी। पिछले एक साल में यूनिवर्सिटी में हालात काफी हद तक बेहतर हुए हैं।



चार साल के ग्रैजुएशन कोर्सेज 
2013 में ग्रैजुएशन लेवल पर चार साल का डिग्री कोर्स लाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए एक्सपर्ट कमिटी बनाई जा रही है। डीयू ने इस साल से बीटेक कोर्स और इनोवेशन सेंटर शुरू किया है। इनोवेशन सेंटर के प्रोजेक्ट को विस्तार दिया जाएगा। चार साल के डिग्री कोर्स में 8 सेमेस्टर होंगे और स्टूडेंट्स को अपनी रुचि के हिसाब से सब्जेक्ट चुनने की भी आजादी रहेगी। प्रो. सिंह ने कहा कि अभी सेमेस्टर सिस्टम तो लागू किया गया है लेकिन आने वाले समय में इस स्कीम में ऐसे बदलाव होंगे, जिनमें विषयों की बाध्यता खत्म होगी। संस्कृत के स्टूडेंट्स भी मैथ्स पढ़ें, हिंदी के स्टूडेंट्स को भी इंग्लिश विषय पढ़ने का विकल्प हो। अमेरिका व यूरोप के दूसरे देशों में चार साल का डिग्री कोर्स ही लागू है। वीसी का कहना है कि चार साल के डिग्री कोर्स को लेकर यह भी सोच है कि अगर कोई स्टूडेंट दो साल की पढ़ाई करता है तो उसे डिप्लोमा दे दिया जाए। तीन साल की पढ़ाई करने वालों को डिग्री का विकल्प दिया जाए और जो स्टूडेंट्स चार साल की पढ़ाई करें, उसे ऑनर्स डिग्री दी जाए। यानी स्टूडेंट्स को हर तरह का विकल्प दिया जाए। 

स्पोर्ट्स पॉलिसी 
डीयू अगले साल के लिए स्पोर्ट्स के एडमिशन के लिए नई पॉलिसी तैयार कर ही रहा है , साथ ही स्पोर्ट्स इवेंट में भाग लेने वाले स्टूडेंट्स को हाजिरी से लेकर एग्जाम में रियायत देने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। सेमेस्टर सिस्टम में स्पोर्ट्स को खास बनाया जा रहा है। डीयू की ओर से खेलने वाले स्टूडेंट्स को हाजिरी में भी रियायत दी जाए , क्योंकि यूनिवर्सिटी में हाजिरी का नियम सख्ती से लागू है और कम हाजिरी वाले स्टूडेंट्स को एग्जाम में नहीं बैठने दिया जाता। हाजिरी के नियमों के चलते बहुत से स्टूडेंट्स चाहते हुए भी स्पोर्ट्स एक्टिवटीज में भाग नहीं ले पाते। इस बात की भी पूरी संभावना नजर आ रही है कि अगले साल से कॉलेजों में स्पोर्ट्स कोटे के एडमिशन यूनिवर्सिटी की देखरेख में ही होंगे। इस साल कई कॉलेजों में स्पोर्ट्स एडमिशन में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। इसके अलावा यह भी करीब - करीब तय है कि जो स्टूडेंट्स स्टेट लेवल , यूनिवर्सिटी लेवल पर शानदार प्रदर्शन करेंगे उन्हें एग्जाम में रियायत मिलेगी। अगर कोई खिलाड़ी चार में से तीन पेपर में पास है लेकिन एक पेपर को वह क्लियर नहीं कर पाया है तो उसके खेल के प्रदर्शन के आधार पर उस पेपर में पास किया जा सकता है। 

विदेश यात्रा करने का मौका 
इकनॉमिक वीकर सेक्शन के स्टूडेंट्स को ऑस्ट्रेलिया , ढाका , काठमांडू , श्रीलंका , चीन , भूटान समेत कई देशों की स्टडी टूर पर जाने का मौका मिलेगा। एक ग्रुप में 25-30 स्टूडेंट्स होंगे और सारा खर्च यूनिवर्सिटी वहन करेगी। स्टूडेंट्स को दो - तीन हफ्ते के लिए भेजा जाएगा और वहां पर उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,31.10.11) ।

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