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02 दिसंबर 2011

ओबीसी कोटे में मुस्लिम आरक्षण पर विचार

सरकार पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण देने पर विचार कर रही है। कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने गुरुवार को बताया कि यह व्यवस्था अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 27 फीसदी कोटे में ही की जाएगी। संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में खुर्शीद ने कहा, ‘हम इस (पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण देने पर) पर काम कर रहे हैं। यह मसला सरकार के एजेंडे में पिछले दो साल से है। जल्दी ही इस पर फैसला लिया जाएगा।’ सूत्रों के मुताबिक सरकार उत्तरप्रदेश में चुनाव से पहले इस मसले पर कोई घोषणा कर सकती है। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने भी गुरुवार को पार्टी की नियमित पत्रकार वार्ता में कहा कि पार्टी ने अल्पसंख्यक वर्ग के पिछड़ों के लिए आरक्षण का चुनावी वादा किया था।

सरकार ओबीसी कोटे के तहत इसे लागू करने की दिशा में काम कर रही है। उनके मुताबिक, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों की तर्ज पर यह व्यवस्था की जाएगी। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दूसरी बार पत्र लिखा था। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण की मांग की थी।


भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और सरकार की ओर से आए बयान को उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले मुसलमानों में भ्रम फैलाने की कोशिश बताया है। राज्यसभा में पार्टी संसदीय दल के उपनेता एसएस अहलूवालिया ने कहा, ‘यह मुद्दा इसलिए उठाया जा रहा है ताकि मुस्लिमों में भ्रम फैलाया जा सके। मुद्दे की संवैधानिक स्थिति का भी अध्ययन किया जाना चाहिए। इस संबंध में कई राज्यों के मामले अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। इन पर विचार के लिए संविधान पीठ के गठन का भी प्रस्ताव है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,2.12.11)’

दैनिक जागरण के लखनऊ संस्करण की रिपोर्ट कहती है कि मुस्लिम आरक्षण को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार के बीच जारी सियासी जंग का पटाक्षेप करने को 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण कोटे में मुस्लिमों के साथ ही अन्य अल्पसंख्यक वर्ग का 8.14 प्रतिशत कोटा सुनिश्चित करने की तैयारी है। गुरुवार को रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने साफ कर चुके है पिछड़े मुसलमानों का कोटा ओबीसी कोटे के 27 प्रतिशत में से तय किये जाने के शीघ्र ही निर्णय लिया जा रहा है। उन्होंने संकेत दिए कि पिछड़े मुस्लिमों को छह प्रतिशत तथा बौद्ध व सिख आदि को 2.14 प्रतिशत आरक्षण कोटा सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मायावती केंद्र को पत्र लिखकर अपने दायित्व से पल्ला नहीं झाड़ सकती हैं। प्रदेश में आरक्षण लागू न कर पिछड़े मुसलमानों को सिर्फ गुमराह किया। केंद्र ने मदरसा आधुनिकीकरण के लिए 134.12 करोड़ रुपये जारी किए, लेकिन बसपा सरकार छह हजार बेरोजगार मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों को नौकरी देने बजाए लाठियां बरसा रही है।

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