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15 दिसंबर 2011

लोकपाल में आरक्षण की मांग पर संसद परिसर में धरना

लोकपाल के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक से पहले लोकपाल में आरक्षण की मांग करते हुए दोनों सदनों के विभिन्न राजनीतिक दलों के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सदस्यों ने बुधवार को संसद परिसर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया। गौरतलब है कि आरक्षण की मांग को लेकर लोकसभा और राज्यसभा के 165 सदस्यों का हस्ताक्षरित ज्ञापन कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री को सौंपा गया था। लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान इसे मुद्दा बनाए हुए हैं। इस सवाल पर गुरुवार को भी संसद के सामने धरने का आयोजन किया गया है। धरने के बाद लोजपा अध्यक्ष पासवान ने पत्रकारों से कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति फोरम की ओर से हमने इस मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है। हम लोकपाल में आरक्षण के प्रावधान की मांग कर रहे हैं। आशंका है कि संसद से बाहर का कोई व्यक्ति या समूह इस तरह का कानून बनाने का दबाव डालने के बाद आरक्षण को समाप्त करने की साजिश करेगा। पासवान ने कहा कि यह मांग माननी ही होगी। इसके समर्थन में 165 सांसद हैं जो किसी भी प्रस्ताव को रद कराने या मंजूर कराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। माकपा के डी. राजा ने कहा कि दलीय सीमाओं से ऊपर उठकर सभी राजनीतिक दलों के बड़ी संख्या में सदस्यों ने यह मांग रखी है। उम्मीद है सरकार इन न्योचित मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी। यह कोई निजी नहीं है, बल्कि देश की एक बड़ी आबादी की चिंताओं से जुड़ा मसला है।कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि हमारी मांग देश की करीब एक तिहाई आबादी को न्याय दिलाने के लिए है। हम यह संकल्प व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए हैं। धरना देने वाले संासदों ने लोकपाल में आरक्षण का प्रावधान करने के अलावा न्यायपालिका और निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति की योजनाओं में पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित किए जाने की भी मांग की(दैनिक जागरण,दिल्ली,15.12.11)।

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