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15 दिसंबर 2011

मध्यप्रदेशःनिजी विश्वविद्यालयों पर लागू होगा आरक्षण

निजी विश्वविद्यालय प्रवेश और फीस लेने में मनमानी नहीं कर पाएंगे। इसकी जानकारी उन्हें बुधवार को कुलपति, कुलसचिव और वित्त अधिकारी की निजी विश्र्वविद्यालय विनियामक आयोग की सामूहिक बैठक में मिल गई है। विश्वविद्यालयों में जहां प्रवेश चयन परीक्षा से किए जाएंगे वहीं उन्हें आरक्षण के रोस्टर का पालन करना होगा। ताकि सभी वर्ग के छात्रों को विश्वविद्यालय की अध्ययन व्यवस्था का लाभ मिल सके। शासन ने नौ निजी विश्वविद्यालय को नोटिफिकेशन दिया है। इनमें से कुछ ने मोटी-मोटी रकम लेकर मनमर्जी से प्रवेश कराए हैं। निजी विश्र्वविद्यालयों की इन हरकतों पर नकेल कसने के लिए निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने बुधवार को समस्त विवि के कुलपति, कुलसचिव और वित्त अधिकारी की बैठक बुलाई। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी सत्र से सभी विवि की मॉनिटरिंग की जाएगी जिसके वर्किंग पेपर जेपी विश्र्वविद्यालय तैयार करेगा। जेपी विवि जनवरी में सभी पेपर आयोग के सुपुर्द करेगा। बैठक में बताया गया कि विवि की फीस जीरो बैलेंस शीट के आधार पर होगी। लेकिन इसमें 10 से 15 प्रतिशत सरप्लस होगा। ताकि विवि विकास कार्य कर सकें। इससे ज्यादा लाभ अर्जित करता है, तो आयोग विवि पर कठोर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। सरप्लस मिलने से विवि की फीस सामान्य कालेजों से ज्यादा होना तय हैं। सभी विवि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद जैसे समस्त प्रकार की राष्ट्रीय स्तर की परिषद के मापदंडों का पालन करेंगे। विश्र्वविद्यालय कैसे प्रवेश कराएंगे इस पर अभी संशय हैं। विवि ने कहा कि हम प्रवेश मेरिट सूची के आधार पर कराएंगे। हम कौन किस संस्थान की मेरिट चाहते हैं इसका निर्णय अंत समय में लिया जाएगा। इसकी सूचना आयोग को जरूर दी जाएगी। वहीं प्रवेश में शासन द्वारा तैयार किया गया आरक्षण रोस्टर का पालन भी विवि करेंगे। ताकि समाज के सभी वर्गो के छात्रों को निजी विवि में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल सकें। वहीं प्रोफेशनल कोर्स में छात्रों को शासन से मिलने वाली छात्रवृत्ति मिलेगी। बैठक में कुछ विवि में कुलपति और रजिस्ट्रार का चयन नहीं हो पाया है, जिसके कारण विवि के सीईओ को बैठक में आमंत्रित किया गया। बैठक में विवि से आगामी सत्र में फीस निर्धारण को लेकर कुलपतियों और कुलसचिव से चर्चा की गई। इसमें बैठक में सभी विवि से फीस निर्धारण की जानकारी ली गई। इसमें आईटीएम ग्वालियर के कुलपति आरके पांडे ने कहा कि वे विवि में चार बिंदुओं पर कार्य करेंगे इसमें शोध, शिक्षा और समाज के दूसरे वर्गो को जोड़कर उन्हें साक्षर करना हैं। आयोग के अध्यक्ष अखिलेश पांडे ने कहा कि विवि में फीस सामान्य कालेजों से अधिक होगी, लेकिन इसमें छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिलेगी। वहीं ओरियंटल विवि के कुलपति ने अपनी बात आयोग के सामने रखी(दैनिक जागरण,भोपाल,15.12.11)।

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