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29 मई 2012

सुपर 30 के आनंद कुमार ने कहा,"आईआईटी, एनआईटी व आईआईआईटी के लिए एक ही परीक्षा से छात्रों को नुकसान"

सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने सोमवार को कहा कि आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा के आयोजन के पीछे अच्छा उद्देश्य होने के बावजूद यह छात्रों के हित में नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि में पढ़ाई-लिखाई करने वाले छात्रों को इससे नुकसान होगा। आनंद के अनुसार, स्कूली शिक्षा व्यवस्था में सुधार के उद्देश्य से सामान्य प्रवेश परीक्षा में 12वीं का 50 प्रतिशत अंक जोडऩे का फैसला भी छात्रों के हित में नहीं होगा, क्योंकि सीबीएसई, आईसीएसई और विभिन्न राज्यों के बोर्ड की शिक्षा प्रणाली में बड़ा अंतर है। प्रतिशतांक किस तरह निकाला जाएगा, यह भी स्पष्ट नहीं है। 

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से कोचिंग पर छात्रों की निर्भरता बढ़ेगी, क्योंकि उनके सामने तीन अलग-अलग परीक्षाओं में उम्दा प्रदर्शन करना आवश्यक होगा, एक तो जेईई-मेन, दूसरा जेईई-एडवांस और तीसरा 12वीं की परीक्षा। इन सबसे उनके ऊपर मानसिक दबाव बढ़ेगा। आनंद ने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र के छात्र, जिनके पास गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा नहीं है, जेईई-एडवांस तक नहीं पहुंच पाएंगे। इससे आईआईटी का विशेष दर्जा भी समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बेहतर माध्यमिक शिक्षा के लिए स्कूली व्यवस्था में भरोसा बहाल करने की जरूरत है। 

आनंद ने कहा कि छात्र इसलिए कोचिंग नहीं जाते, क्योंकि उनके पास इस पर खर्च करने के लिए अतिरिक्त पैसे होते हैं बल्कि इसलिए जाते हैं कि जो गुणवत्ता उन्हें स्कूल में नहीं मिल पाई, उसकी भरपाई कोचिंग से हो सके। आनंद ने करीब एक दशक पहले सुपर 30 की शुरुआत की थी। आनंद यहां समाज के पिछड़े तबके से 30 मेधावी छात्रों को नि:शुल्क आईआईटी की तैयारी करवाते हैं। अब तक उनके पढ़ाए सुपर 30 के 263 छात्र आईआईटी में प्रवेश पा चुके हैं(दैनिक भास्कर,पटना,29.5.12)।

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