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30 मई 2012

जीव विज्ञान में हैं अनेक अवसर

अगर आपने 12वीं में पीसीबी या पीसीबीएम की पढ़ाई की है, तो 12वीं के बाद आपके लिए ढेरों ऑप्शन होते हैं। मेडिकल ही नहीं, अन्य भी काफी सारे ऐसे कोर्स हैं जिन्हें कर बेहतरीन करियर का आगाज किया जा सकता है। लेकिन आज भी मेडिकल का चार्म बरकरार है और बायॉलजी पढ़ने वाले पहले मेडिकल एंट्रेस ही क्लीयर करने की सोचते हैं। आइए देखें क्या हो सकते हैं ऑप्शंस: 

एमबीबीएस 
बायॉलजी पढ़ने वालों के बीच बैचलर ऑफ मेडिसिन ऐंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) कोर्स पहली पसंद है। एडिमशन टेस्ट के आधार पर दिया जाता है। टेस्ट का आयोजन स्टेट लेवल पर तो होता ही है, ऑल इंडिया लेवल पर भी होता है। एम्स के एंट्रेस एग्जाम को सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। लेकिन असल भीड़ जुटती है सीबीएसई द्वारा ऑल इंडिया लेवल पर आयोजित होने वाले एंट्रेस एग्जाम में। इस एग्जाम में हर साल लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स किस्मत आजमाते हैं। प्राइवेट कॉलेज अपने-अपने तरीके से एडमिशन देते हैं। 

टॉप इंस्टिट्यूट्स 
- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) - मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली 

- आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज, पुणे 

- सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरू 

- किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ 

बीडीएस 
बीडीएस यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी के चार साल के कोर्स के साथ एक साल का इंटर्नशिप भी जुड़ा हुआ है। जिन लोगों ने 12वीं में बायॉलजी की पढ़ाई की है, वे यह कोर्स कर सकते हैं। बीडीएस करने के बाद आप एक डेंटिस्ट के रूप में कोई अस्पताल जॉइन कर सकते हैं या फिर प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। 

टॉप इंस्टिट्यूट्स 

- गोवा डेंटल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल 

- डॉ. बीआर आंबेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंस ऐंड हॉस्पिटल 

- एचपी गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज 

बीएएमएस 
बीएएमएस यानी बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन ऐंड सर्जरी भी मेडिकल की राह चुनने वालों के लिए एक ऑप्शन है। हाल के बरसों में इसका काफी विकास हुआ है। इस कोर्स में भी एडमिशन वैसे लोग ही ले सकते हैं, जिन्होंने फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ बायोलॉ जी की पढ़ाई की हो। यह कोर्स साढ़े पांच साल का होता है जिसमें एक साल का इंटर्नशिप होता है। 

टॉप इंस्टिट्यूट्स 
- डॉ. बीआरकेआर गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज, हैदराबाद 

- डॉ. एनआर शास्त्री गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज, विजयवाड़ा 

- गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज, पटना 

- गवर्नमेंट आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरू 

वेटरनेरी साइंस 
डॉक्टरी का पेशा अपनाने वालों के लिए जानवरों का डॉक्टर बनने का भी ऑप्शन होता है। इसके लिए अलग से एग्जाम कंडक्ट किया जाता है। 12वीं में बायॉलजी की पढ़ाई करने वाले ही इस एग्जाम में बैठ सकते हैं। यह डिग्री लेने के बाद सरकारी नौकरी ही नहीं, प्राइवेट प्रैक्टिस का भी स्कोप है क्योंकि अपने देश में जानवरों के अच्छे डॉक्टरों की कमी कुछ ज्यादा ही है। 

टॉप इंस्टिट्यूट्स 

- चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ ऐग्रिकल्चर ऐंड टेक्नॉलजी, कानपुर 

- गुजरात कॉलेज ऑफ वेटरनेरी साइंस ऐंड एनिमल हस्बैंड्री, आनंद 

- कॉलेज ऑफ वेटरनेरी साइंस ऐंड एनिमल हस्बैंड्री, जबलपुर 

- कॉलेज ऑफ वेटरनेरी साइंस ऐंड एनिमल साइंस, परभनी 

- जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर 

- कॉलेज ऑफ वेटरनेरी ऐंड एनिमल साइंस, बीकानेर 

- कॉलेज ऑफ वेटरनेरी साइंस, हैदराबाद - कॉलेज ऑफ वेटरनेरी साइंस, उदयगिरि 

हेल्थकेयर /पैरामेडिकल 
हेल्थकेयर देश में सबसे तेजी तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। सीधे मेडिकल में न जा सकने वालों के लिए यह भी एक ऑप्शन है। पैरामेडिकल कोर्सेज भी हैं। बतौर फिजियोथेरपिस्ट, ऑडियोलॉजिस्ट, सोनोग्राफर, रेडियोलॉजिस्ट, एमआरई, एमएलटी आदि से जुड़े कोर्सेज को जॉइन कर करियर को बढ़ाया जा सकता है। अपने देश में ऐसे प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ रही है। टॉप बीएससी कोर्सेज बायॉटेक्नॉलजी यह कोर्स थोड़ा नया कोर्स है और इसकी पढ़ाई बड़े कॉलेज-यूनिवर्सिटियों में ही है। यह कोर्स बायोलॉजिकल साइंस के फील्ड में तकनीक के इस्तेमाल से संबंधित है। यह कोर्स आपके लिए फार्मा, रिसर्च, फूड प्रॉडक्ट्स, ऐग्रिकल्चर और केमिकल इंडस्ट्री में एंट्री का प्लेटफॉर्म तैयार करता है। सरकारी लैब्स या विभागों में भी एंट्री ली जा सकती है। एडिमशन कहीं नंबर के आधार पर दिया जाता है, तो कहीं टेस्ट के जरिये। 

माइक्रोबायॉलजी 
यह भी नया कोर्स ही है और पढ़ाई कम स्थानों पर ही उपलब्ध है। हालांकि पिछले सात-आठ बरसों में इस कोर्स का काफी विस्तार हुआ है और काफी संस्थानों ने इस कोर्स को अपनाया है। यह कोर्स जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, माइक्रोऑर्गेनिज्म की पढ़ाई और उसके एप्लीकेशन से संबंधित है। एडिमशन कहीं नंबर बेसिस पर दिया जाता है, तो कहीं टेस्ट के जरिये। इस सब्जेक्ट की पढ़ाई करने के बाद आप सरकारी नौकरियों के अलावा फार्मा, रिसर्च, फूड प्रॉडक्ट्स, एग्रीकल्चर सेक्टर आदि में जॉब पा सकते हैं। फॉर्मा और फूड एंड बेवरेज इंडस्ट्री में एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट की काफी डिमांड है। 

क्रिमिनॉलजी 
क्रिमिनॉलजी दरअसल क्राइम के नेचर और उसके कारणों के अध्ययन का सब्जेक्ट है। अगर आप यह सब्जेक्ट चुनते हैं, तो एक बेहतर करियर बना सकते हैं। इसकी पढ़ाई के बाद आप सरकारी और फॉरेंसिक लैब्स में काम पा सकते हैं। यही नहीं, आप चाहें तो टीचिंग के क्षेत्र में भी बढ़ सकते हैं। 

जेनेटिक्स 
जेनेटिक्स जीनों की बनावट और उनके काम करने के तरीके आदि की पढ़ाई से संबंधित सब्जेक्ट है। करियर के लिहाज से यह तेजी से बढ़ता हुआ फील्ड है और इस फील्ड में दिनों दिन संभावनाएं बढ़ ही रही हैं। रिसर्चर से लेकर जेनेटिक काउंसर तक के रूप में आप करियर बना सकते हैं। पढ़ाई कम स्थानों पर होने के कारण एडमिशन टफ हो जाता है। 

बीएससी नर्सिंग 
इस कोर्स को छोटा न समझें। बीएससी करने के बाद सरकारी और प्राइवेट, दोनों सेक्टरों में अच्छी नौकरी पाई जा सकती है। इस कोर्स में एडमिशन टेस्ट के आधार पर दिया जाता है। महिलाएं इस कोर्स के लिए ज्यादा उपयुक्त मानी जाती हैं और पहले से ही इस फील्ड में वे ही छाई हुई हैं। कॉलेज की कमी नही है, लेकिन एडमिशन टेस्ट के आधार पर ही दिया जाता है। 

फॉरेंसिक साइंस 
अगर आप एक्साइटिंग करियर की चाह रखते हैं तो आपके लिए फॉरेंसिक साइंस के रूप में एक अलग और बेहतर ऑप्शन हो सकता है। एक फॉरेंसिक साइंटिस्ट का जॉब क्राइम और क्राइम से जुड़ी चीजों का एनालिसिस करना होता है। अगर आपमें हमेशा नई चुनौतियों से जूझने का जज्बा है, तो यह फील्ड काफी रिवार्डिंग है। 

ऐग्रिकल्चर साइंस 
खेती की प्रधानता वाले भारत जैसे देश के लिहाज से यह सब्जेक्ट काफी अहम है। यहां क्वालिफाइड टेक्निशियन/रिसर्चर आदि की काफी जरूरत है। इस कोर्स को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि स्टूडेंट्स खेती की बारीकियों से लेकर मार्केटिंग तक के बारे में समझ पैदा कर सकें। यह कोर्स देश भर के तमाम सरकारी कॉलेजों में उपलब्ध है। इस सब्जेक्ट में एडिमशन लेने के लिए 12वीं में कम से कम 50-60 फीसदी अंकों की जरूरत पड़ती है, साथ ही इस सब्जेक्ट में एडिमशन के लिए ज्यादातर संस्थानों में टेस्ट की प्रक्रिया भी अपनाई जाती है। 

ऐग्रिकल्चरल इंजिनियरिंग 
यह सब्जेक्ट ऐग्रिकल्चर के तकनीकी पक्ष की समझ पैदा करता है। इस सब्जेक्ट की पढ़ाई में ऐग्रिकल्चरल मशीनरी, सिंचाई आदि से लेकर डेयरी इंजिनियरिंग तक शामिल है। इस सजेक्ट की पढ़ाई वैसे तो कम जगहों पर है, लेकिन तमाम राज्यों के बड़े संस्थानों में यह कोर्स देखने को मिल ही जाता है। यह एंप्लायमेंट के लिहाज से एक अच्छा कोर्स माना जाता है क्योंकि रोजगार की संभावनाएं कई इंडस्ट्री में पैदा होती हैं।

बायोइंफॉर्मेटिक्स 
बायो केमिस्ट्री, माल्युकुलर बायोलॉजी और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को मिलाकर जो सब्जेक्ट बनाया गया है, वह है बायोइंफॉर्मेटिक्स। इस सब्जेक्ट का उद्देश्य जीवन और कंप्यूटर साइंस को जोड़ना है। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि इस सब्जेक्ट का विकास बायोलॉजी से जुड़ी समस्याओं को कंप्यूटर के इस्तेमाल द्वारा करने के लिए किया गया है। यह भी अपेक्षाकृत नया कोर्स है और दिनोंदिन इसका बाजार बढ़ ही रहा है।

बायोकेमिस्ट्री 
यह जीव-जंतुओं के भीतर होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं के अध्ययन का सब्जेक्ट है। साधारण केमिस्ट्री और बायोकेमिस्ट्री में सबसे बड़ा अंतर यह है कि केमिस्ट्री में जहां मूल रूप से शरीर के बाहर होने वाले रिएक्शंस का अध्ययन किया जाता है, वहीं बायोकेमिस्ट्री में अंदरूनी रिएक्शंस पर फोकस होता है। इस कोर्स को करने के बाद फॉर्मा से लेकर फूड इंडस्ट्री आदि तक में करियर बनाया जा सकता है। एडमिशन कहीं नंबर बेसिस पर दिया जाता है तो कहीं टेस्ट के आधार पर। 

फॉर्मा कोर्सेज 
बायॉलजी की पढ़ाई करने वालों के लिए बी फॉर्मा जैसा कोर्स भी बेहतरीन करियर ऑप्शन महैया कराता है। देश में फॉर्मा इंडस्ट्री के तेजी से हुए विकास के बाद इस कोर्स की महत्ता और बढ़ गई है। इस कोर्स को करने के बाद नौकरी करीब-करीब पक्की समझी जा सकती है। हां, इस फील्ड में आपको शुरुआत में पैकेज थोड़ा कम मिल सकता है, लेकिन अगर आप मार्केटिंग की लाइन चुनते हैं, तो शुरुआत में भी अच्छे पैसे कमा सकते हैं। यह कोर्स अब काफी जगहों पर उपलब्ध है(निर्भय कुमार,नभाटा,दिल्ली,2.5.12)।

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