प्रदेश के 10 नक्सल प्रभावित जिलों में युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया कराने के लिए ३० प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। केंद्र की इस योजना के तहत चयनित प्रत्येक जिले में एक आईटीआई और दो कौशल विकास केंद्र (एसडीसी) की स्थापना का प्रस्ताव है। इनमें से प्रत्येक आईटीआई में विभिन्न ट्रेडों के तहत 200 छात्रों को और हर एसडीसी में 500 छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को स्टाइपेंड के रूप में हर महीने 3500 रुपए भी दिए जाएंगे। साथ ही प्रशिक्षण के बाद सलाह और प्लेसमेंट केंद्रों के माध्यम से रोजगार सहायता भी मुहैया कराई जाएगी। इन संस्थानों की स्थापना पर खर्च होने वाली 75 फीसदी राशि का भुगतान केंद्र की ओर से किया जाएगा। पिछले वित्तीय वर्ष में ही प्रस्तावित इस योजना के लिए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 16 करोड़ 69 लाख की राशि जारी भी कर दी है। जो तकनीकी कारणों से महालेखाकार कार्यालय में फंसा पड़ा है।
सभी जिलों में हो चुका है जमीन का चयन
"उग्रवाद प्रभावित जिलों के लिए केंद्र की ओर से प्रस्तावित 10 आईटीआई और 20 एसडीसी खोलने के लिए जमीन का चयन हो चुका है। केंद्र की ओर से लगभग १६ करोड़ की राशि जारी भी की जा चुकी है। लेकिन यह एजी ऑफिस के पास तकनीकी कारणों से लंबित है।" - विष्णु कुमार, श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण सचिव.
स्पेशियलिटी ट्रेनिंग की भी है व्यवस्था
देश के नौ राज्यों के 34 जिलों के लिए शुरू की गई इस योजना में युवाओं को विशेषज्ञता हासिल करने के लिए दीर्घावधि, लघु अवधि और इंस्ट्रक्टर के लिए प्रशिक्षण कभी व्यवस्था है। इनमें क्रमश: 30, 120 और दस युवाओं का नामांकन होगा।
यहां खुलेंगे संस्थान
चतरा, चाईबासा, पलामू, जमशेदपुर, गढ़वा, बोकारो, लोहरदगा, गुमला, लातेहार, हजारीबाग(दैनिक भास्कर,रांची,31.5.12)।
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