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31 मई 2012

मैट से मिल सकती है मंजिल

मैनेजमेंट स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए कैट और मैट, दो प्रकार के एग्ज़ाम प्रमुख हैं। मैट की खासियत यह है कि यह एग्ज़ाम साल में चार बार होता है: फरवरी, मई, सितंबर और दिसंबर। इस एग्ज़ाम में बैठने के लिए स्टूडेंट का ग्रैजुएट या ग्रैजुएशन अंतिम वर्ष का स्टूडेंट होना जरूरी है। पर्सेंटेज़ की बात करें तो अलग-अलग बिज़नेस स्कूलों या यूनिवर्सिटियों के अपने-अपने मापदंड हैं और इसके लिए आपको अपने पसंद के संस्थान से ही पता करना होता है। 

मैट के साल में चार बार होने से आपको एक बार में हुई गलती को दूर करने का मौका मिलता है। मैट के पेपर में कुल पांच सेक्शन आते हैं। मैट का पेपर कठिन नहीं होता है। बेसिक कॉन्सेप्ट क्लीयर हो, तो आप इसमें बेहतर प्रर्दशन कर सकते हैं। 

सिलेक्शन कट ऑफ नहीं 
मैट में सबसे अच्छी बात है कि इसमें सिलेक्शन कट ऑफ नहीं होता है। अगर आपने सौ सवाल भी सही कर लिए तो अच्छा पर्सेंटेज़ लाना पक्का है। गणित की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकों की मदद ली जा सकती है। डेटा इंटरप्रेटेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें। अगर डमी टेस्ट में 90 से ज्यादा पर्सेंटाइल ला रहे हैं तो आप अच्छे कॉलेज में प्रवेश पाने की उम्मीद कर सकते हैं। लैंग्वेज कॉम्प्रिहेन्शन की बेहतर तैयारी के लिए रीडिंग अच्छी होनी चाहिए। साथ ही वॉकेबलरी का भी अच्छा होना जरूरी है। मॉक टेस्ट से काफी मदद मिल सकती है। जहां तक मार्किंग की बात है, तो निगेटिव मार्किंग भी होती है। सही प्रश्न के चार अंक मिलते हैं और गलत होने पर एक अंक काट लिए जाते हैं। 

एग्ज़ाम में क्या 
पेपर में नेगेटिव मार्किंग भी होती है। इसलिए उतने ही प्रश्न करें, जो आपको आते हैं। हां, हल किए गए प्रश्नों में से कम से कम 8-85 फीसदी सही होने चाहिए। इसके लिए आपमें कैलकुलेट करने की स्किल का होना जरूरी है। स्पीड, एक्युरेसी और टाइम लिमिट को ध्यान में रखते हुए तैयारी करनी चाहिए। 

मैट के पांच सेक्शन 
1. मैथ्स 
2. डाटा इंटरप्रेटेशन 
3 . रीजनिंग 
4. लैंग्वेज कॉम्प्रिहेन्शन 
 5. जनरल नॉलेज ( भारतीय व वैश्विक परिवेश ) 

सभी सेक्शनों में 40-40 सवाल आते हैं। कुल 200 सवाल होते हैं। जीके के स्कोर को पर्सेंटाइल में शामिल नहीं किया जाता है। कुछ अच्छे कॉलेज हैं , जो जीके के स्कोर को भी देखते हैं। ध्यान रहे अन्य विषयों के लिए जहां 30 से 40 मिनट का समय मान कर चला जाता है , वहीं जीके के लिए 15 मिनट का ही समय माना गया है।

मैथ्स
यह पेपर बेसिक और कैलकुलेटिव होता है। ज्यादातर सवाल फ़ॉर्म्युला पर आधारित होते हैं। इसी आधार पर सवालों को हल करना होता है। हर प्रश्न के चार विकल्प होते हैं। इसमें अर्थमैटिक्स , पर्सेंटेज़ , प्रॉफि़ट एंड लॉस , सिंपल एंड कंपाउंड इंटरेस्ट , स्पीड व डिस्टेंट वगैरह पर सवाल होते हैं। लेवल की बात करें , तो कुछ टॉपिक 12 वीं स्तर तक के भी होते हैं। 

रिज़निंग
इसमें कोडिंग एंड डीकोडिंग , डायरेक्शन सेंस , रीजन एंड एसरशन , ब्लड रिलेशन , स्टेटमेंट कनक्लूजन , एनालिटिकल रिज़निंग आदि टॉपिक्स पर सवाल पूछे जाते हैं। 

डेटा इंटरप्रेटेशन
इसमें टेबल , बार ग्राफ , लाइन ग्राफ , पाई चार्ट , डेटा सफिशिएंस के टॉपिक्स आते हैं। 

लैंग्वेज़ 
इसमें रीडिंग कॉम्प्रिहेन्शन , पैरा जंबल , ग्रामर आदि से संबंधित प्रश्न आते हैं(नभाटा,दिल्ली,30.5.12) ।

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