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28 मई 2012

आकर्षक व मृदुभाषी हैं तो रिसेप्शनिस्ट बनें

एक कहावत है ‘पहला प्रभाव ही स्थायी होता है’, यह बात सौ प्रतिशत सही है। बहुत से ऐसे काम हैं जहां आगंतुक या ग्राहक का स्वागत करने वाले व्यक्ति से उसकी प्रथम मुलाकात हो वह प्रभावपूर्ण और मधुर हो। इसी सिद्धान्त को ध्यान में रखते हुए आजकल बड़े-बड़े और अच्छे होटलों में व्यावसायिक संस्थाओं और कम्पनियों के आफिसों में रिसेप्शनिस्ट रखने का प्रचलन है। रिसेप्शनिस्ट की नौकरी पाने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण के साथ-साथ आकर्षक व्यक्तित्व का होना भी बहुत जरूरी है। जो युवतियां या युवक रिसेप्शनिस्ट की नौकरी को अपना करिअर बनाना चाहते हैं उन्हें इस क्षेत्र में तरक्की के अनेक अवसर मिल सकते हैं और इस प्रकार वे अच्छा वेतन और सुंदर भविष्य बना सकते हैं। किसी भी अच्छे दफ्तर या होटल में घुसते ही आगंतुक सबसे पहले रिसेप्शनिस्ट से ही मुखातिब होता है। आमतौर पर रिसेप्शनिस्ट के रूप में लड़कियों को ही रखा जाता है। परन्तु बहुत सारे क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां पुरुष भी रिसेप्शनिस्ट का कार्य करते हैं। 

रिसेप्शनिस्ट को उस विभाग के लोगों के बारे में जानकारी होनी चाहिए जहां उसकी नियुक्ति हुई है। चाहे वह कोई दफ्तर हो होटल हो या कोई भी विभाग। आमतौर पर रिसेप्शनिस्ट के पास फोन आते रहते हैं कि अमुक आदमी है अथवा नहीं, उसे यह सूचना देनी है। ऐसी स्थिति में रिसेप्शनिस्ट को उस संदेश को लिखने का भी काम करना पड़ता है। एक रिसेप्शनिस्ट को वाक्पुट होने के साथ -साथ पत्रों के उत्तर लिखने का भी ज्ञान होना चाहिए। रिसेप्शनिस्ट में निम्र तीन गुण अवश्य होने चाहिए : 

आकर्षक व्यक्तित्व : रिसेप्शनिस्ट के लिए आकर्षक व्यक्तित्व का होना बहुत जरूरी है। सजे संवरे खूबसूरत चेहरे को साफ कपड़ों में मुस्कराते देखकर आगंतुक को प्रसन्नता होती है। इसके विपरीत यदि कोई रिसेप्शनिस्ट साधारण शक्ल सूरत या बदसूरत चेहरे का हो तो आगंतुक उससे ढंग से बात भी नहीं कर पाता। 

मधुर व्यवहार : रिसेप्शनिस्ट के पास आने वाला प्रत्येक व्यक्ति कुछ नकुछ पूछने या जानने ही आता है। एकदम नये व्यक्ति से यदि शिष्टïतापूर्वक और अपनत्व भरी वाणी में बातचीत हो तो आने वाला स्वयं को ‘अपनेपन’ के माहौल में पाता है। अत: जहां शिष्टï और अपनेपन से भरा व्यवहार आगंतुक की समस्या को आधा कम कर देता है वहीं रूखा और अशिष्टï व्यवहार आगंतुक के मन को खिन्न कर देता है। 

अनेक भाषाओं का ज्ञान : वैज्ञानिक उन्नति के कारण आज दूरियां कम हो गई हैं। लगभग हर देश प्रदेश के लोगों को दूसरे प्रदेश के लोगों से काम पड़ता रहता है। अत: रिसेप्शनिस्ट को हिन्दी तथा अंग्रेजी के अलावा और भी जितनी अधिक भाषाओं का ज्ञान होगा उतनी ही उसकी कीमत बढ़ जायेगी। अगर आगंतुक की भाषा में रिसेप्शनिस्ट बात करे तो आगंतुक की तबीयत खुश हो जाती है तथा वह बात को आसानी से समझ लेता है। 

रिसेप्शनिस्ट के प्रशिक्षण हेतु प्रवेश सम्बंधी विज्ञापन देश के प्राय: सभी प्रमुख समाचारपत्रों में समय-समय पर प्रकाशित होते रहते हैं। भारत में रिसेप्शनिस्ट के लिए हिन्दी तथा क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान तो आवश्यक है ही, साथ ही अंग्रेजी का ज्ञान भी अनिवार्य है। यही कारण है कि ऐसा पाठ्यक्रम कराने वाले संस्थान प्रवेश के पूर्व अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को आवश्यक योग्यता मानते हैं। छोटे-छोटे होटलों या छोटे व्यावसायिक संस्थानों में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी के लिए हिन्दी, अंग्रेजी तथा क्षेत्रीय भाषा के ज्ञान के साथ ही टंकण आौ आकर्षक व्यक्तित्व का होना पर्याप्त माना जा सकता है। परंतु बड़े-बड़े होटलों या व्यावसायिक संस्थानों में नौकरी में वरीयता प्रशिक्षण प्राप्त रिसेप्शनिस्ट को ही प्राथमिकता मिलती है। इस मांग को ध्यान में रखकर ‘नेशनल काउंसिल फार होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्रोलॉजी’ द्वारा देशभर के कुछ चुनीन्दा संस्थानों में रिसेप्शनिस्ट के पाठ्यक्रम की व्यवस्था की गई है। इस संबन्ध में और अधिक जानकरी निम्र पते पर प्राप्त की जा सकती है : 

1. इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग न्यूट्रीशन लाइबरी एवेन्यू पूसा नई दिल्ली 110012 
2. इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्रोलॉजी एंड अप्लायड न्यूट्रीशन एटीआई कैम्पस विद्यानगर हैदराबाद 500007 

इन संस्थानों में प्रवेश हेतु एक प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। प्रवेश परीक्षा हेतु निर्धारित योग्यता इंटरमीडिएट (10+2) उत्तीर्ण है बशर्ते प्रतियोगी ने कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों। इन संस्थानों में प्रायोगिक और लिखित दोनों प्रशिक्षण दिया जाता है जिनमें अभ्यर्थियों को कमरा बुक करने का तरीका, इंटरकाम की जानकारी, स्वागत सम्बंधी जानकारी के अतिरिक्त भाषायी ज्ञान भी दिया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण में ग्राहकों के विभिन्न तौर तरीकों प्रिय या अप्रिय से निपटने का तरीका भी उन्हें सिखाया जाता है। इस प्रकार रिसेप्शनिस्ट का काम बड़ा रोचक, मनोरंजक तथा मुस्कराहटों से भरा है। इस करिअर में आकर्षक वेतन के साथ-साथ बहुत सारी सुविधाएं भी उपलब्ध होती हैं(अनिल कुमार,शिक्षालोक,दैनिक ट्रिब्यून,22.5.12)।

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