दिल्ली विश्वविद्यालय की पहचान उसके कॉलेजों और विभागों से हैं। दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में फैले इनके कुछ कॉलेजों का इतिहास जितना पुराना है, उतना विश्वविद्यालय का भी नहीं है। विश्वविद्यालय की स्थापना 90 साल पहले 1922 में हुई, पर जाकिर हुसैन, हिन्दू और स्टीफंस कॉलेज एक शिक्षण संस्थान के रूप में इससे पहले से अपनी पहचान कायम किए हुए हैं। 77 कॉलेजों में स्नातक स्तर के विभिन्न कोर्सेज छात्रों में करियर की मजबूत नींव तैयार करते हैं। ऐसे में जरूरत है उन कॉलेजों को जानने की, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के आधार स्तम्भ रहे हैं।
स्टीफंस कॉलेज
स्टीफंस कॉलेज का इतिहास करीब 130 साल पुराना है। उन्नीसवीं शताब्दी के आठवें दशक में स्थापित इस कॉलेज ने आजादी के दौर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यहां इतिहास, अंग्रेजी ऑनर्स, दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, भौतिकी और रसायनशास्त्र जैसे महत्वपूर्ण विषयों के विभागों ने पढ़ाई के मामले में छात्रों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है। एक समय कहा जाता था कि इस कॉलेज में इतिहास ऑनर्स में दाखिला मिल गया, समझो आईएएस बन गए।
आज भी देश में राजनीति हो या नौकरशाही या फिर मीडिया जगत, यहां के कई पुराने छात्र शीर्ष पर कायम हैं। संसद भवन में विभिन्न जगहों से जीत कर आए करीब दर्जन भर सांसद इसी कॉलेज के छात्र रहे हैं। आईएएस और आईपीएस की लिस्ट काफी लंबी है। केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, संदीप दीक्षित, शशि थरूर, अरुण शौरी, मुख्य चुनाव आयुक्त वाईएस कुरैशी जैसी कई हस्तियों के नाम इस कॉलेज से जुड़े हुए हैं। बेहतर संसाधन, नियमित पढ़ाई और बेहतर शैक्षिक माहौल छात्रों को कुछ करने के लिए प्रेरित करता है।
हिन्दू कॉलेज
करीब 114 साल पुराना यह संस्थान छात्रों के बीच आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स और सोशल साइंस विषयों की पढ़ाई के लिए जाना जाता रहा है। यहां अंग्रेजी ऑनर्स, इतिहास, समाजशास्त्र, हिन्दी, राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र जैसे कई विभाग खासे लोकप्रिय हैं। साइंस में लाइफ साइंस और फिजिकल साइंस, दोनों विषय अपनी अलग पहचान कायम किए हुए हैं। कॉलेज में अनुशासन, बेहतर शैक्षणिक माहौल और विभिन्न तरह की सोसायटीज छात्रों के व्यक्तित्व विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। क्रिकेट में गौतम गंभीर, अजय जडेजा, सबा करीम तो फिल्म में अजरुन रामपाल, विशाल भारद्वाज, इम्तियाज अली जैसे कई पुराने छात्र यहां की पहचान हैं।
एसआरसीसी
कॉमर्स की शिक्षा के लिए देशभर में प्रतिष्ठित यह कॉलेज अपनी विशेष पहचान कायम किए हुए है। यहां कॉमर्स और अर्थशास्त्र की पढ़ाई के लिए देशभर से छात्र आते हैं। बड़ी फैकल्टी और विभाग छात्रों को आपसी प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता के लिए प्रेरित करते हैं। इस कॉलेज में इन दोनों कोर्स ने व्यवसाय जगत से लेकर राजनीति जगत तक कई हस्तियां दी हैं। भाजपा नेता अरुण जेटली, विजय गोयल, फिल्म निर्माता राकेश ओमप्रकाश मेहरा, नैसकॉम चेयरमैन प्रमोद भसीन आदि यहां के पुराने छात्र रहे हैं।
मिरांडा हाउस
लडकियों के बीच आधुनिक शिक्षा के लिए यह कॉलेज 1948 से अपनी अलग पहचान बनाता रहा है। चाहे अंग्रेजी की पढ़ाई हो या फिर इतिहास, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, दर्शनशास्त्र और भूगोल, कॉलेज के विभिन्न विभाग छात्रों के बीच अपनी विशेष छाप छोड़ते रहे हैं। यहां साइंस की भी पढ़ाई होती है। भौतिकी, रसायनशास्त्र, बॉटनी और जूलॉजी ऑनर्स भी साइंस की मजबूत नींव प्रदान करते हैं। कॉलेज की नाट्य सोसायटी और वाद-विवाद समिति छात्रओं के व्यक्तित्व विकास में अहम् भूमिका निभाते रहे हैं। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित हों या फिर कम्युनिस्ट नेता वृंदा करात, फिल्म अभिनेत्री नंदिता दास हों या लेखिका उर्वशी बूटालिया, इस कॉलेज की पहचान हैं।
किरोड़ीमल कॉलेज (केएमसी)
आजादी के समय स्थापित यह कॉलेज छात्रों के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में उन्मुक्त माहौल प्रदान करता है। इसे बिग बी के कॉलेज के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि अमिताभ बच्चन ने एक दौर में यहां पढ़ाई की थी। कॉलेज की नाट्य सोसायटी कई छात्रों को अपने यहां अभिनेता और रंगमंच पर पहचान दिलाने में भूमिका निभाती रही है। यहां साइंस, आर्ट्स और सोशल साइंस, तीनों तरह के विषयों की पढ़ाई होती है। बच्चन के अलावा फिल्म उद्योग में सतीश कौशिक, सिंगर केके और राजनीति में नवीन पटनायक, मदनलाल खुराना आदि यहां के पुराने छात्र रहे हैं।
इंद्रप्रस्थ कॉलेज
कैम्पस के कॉलेजों में आजादी की लड़ाई के समय से ही इंद्रप्रस्थ कॉलेज लड़कियों की शिक्षा के लिए विशेष तौर पर जाना जाता रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय में यह लड़कियों का सबसे पुराना कॉलेज है, जहां मुख्य रूप से अंग्रेजी, हिन्दी ऑनर्स, दर्शनशास्त्र, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, मनोविज्ञान जैसे विभाग विशेष रूप से
लोकप्रिय हैं।
लड़कियों के व्यक्तित्व विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के कारण ही यहां की छात्रएं देश-विदेश में विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमा रही हैं। राजनीति में अंबिका सोनी हों या प्रशासन में उत्तराखंड की पहली महिला पुलिस महानिदेशक किरण चौधरी और फिल्म निर्माता कविता चौधरी यहां की छात्र रही हैं।
हंसराज कॉलेज
डीएवी ट्रस्ट की ओर से अपने संस्थापक के नाम पर स्थापित यह कॉलेज करीब 60 साल से शिक्षा जगत में अपनी अलग पहचान बनाता रहा है। यहां आर्ट्स, साइंस और सोशल साइंस, तीनों विषयों की पढ़ाई होती है। कॉलेज में साइंस और कॉमर्स जैसे विभाग खासे सुदृढ़ हैं। भौतिकी, रसायनशास्त्र और कंप्यूटर साइंस जैसे विभाग यहां छात्रों के बीच अपनी अलग छाप छोड़ते रहे हैं। संस्थान की पहचान इसके छात्रों से भी होती रही है। फिल्म जगत में शाहरुख खान, प्रवीण डबास, सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम और सांसद नवीन जिन्दल यहां के छात्र रहे हैं।
रामजस कॉलेज
नॉर्थ कैम्पस के इस कॉलेज में आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स और सोशल साइंस जैसे विविध विषयों की पढ़ाई कराई जाती है। करीब 60 साल पुराना यह कॉलेज छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए खुला माहौल प्रदान करता है। पढ़ाई-लिखाई में बंदिशें न होने के कारण ही यहां के छात्र कई मौकों पर अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। यहां भौतिकी के छात्र रहे प्रकाश झा आज एक सफल फिल्म निर्देशक व निर्माता हैं। फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी भी इसी कॉलेज के छात्र रहे हैं।
दौलतराम कॉलेज
1960 में स्थापित इस संस्थान को पहले प्रमिला कॉलेज के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसके संस्थापक दौलतराम के नाम पर इसका नामकरण किया गया। इसमें आर्ट्स और कॉमर्स के अलावा साइंस की पढ़ाई भी कराई जाती है। खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए कई सोसायटी सक्रिय हैं, जिनमें वुमंस डेवलपमेंट सेंटर, एनएसएस और एनसीसी प्रमुख हैं। कैम्पस में यह लड़कियों का ऐसा कॉलेज है, जहां लाइफ साइंस और उससे जुड़े विषयों में ऑनर्स कोर्स की पढ़ाई होती है, चाहे वह जूलॉजी हो या बॉटनी।
एलएसआर
दक्षिणी दिल्ली में पढ़ाई के कारण लड़कियों के जिस कॉलेज को सबसे अधिक ख्याति मिलती रही है, उनमें एलएसआर सबसे ऊपर है। कॉलेज के अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, बीकॉम ऑनर्स, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र और मनोविज्ञान जैसे विभाग अपनी पढ़ाई के लिए विशेष तौर पर जाने जाते हैं।
कॉलेज प्रोफेशनल कोर्स के रूप में लड़कियों के लिए बीएलएड और अंग्रेजी पत्रकारिता का कोर्स भी चलाता है। यहां की वाद-विवाद समिति लड़कियों को विश्वविद्यालय स्तर पर अलग पहचान दिलाती रही है। इसने महिला नौकरशाहों और प्रबंधकों की एक बड़ी जमात पैदा की है।
वेंकटेश्वर कॉलेज
कॉलेज में वैसे तो आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स और सोशल साइंस जैसे सभी विषयों की पढ़ाई होती है, पर यहां की पहचान साइंस के वे विभिन्न कोर्स हैं, जहां छात्रों में रिसर्च कार्य को बढ़ावा दिया जाता है। बेहतरीन लैब और पढ़ाई के लिए अनुशासित माहौल छात्रों को सदा आकर्षित करता रहा है।
जीसस एंड मैरी
चाणक्यपुरी स्थित यह कॉलेज ट्रस्ट द्वारा संचालित है। इसमें लड़कियों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए माहौल प्रदान किया जाता है। यहां मुख्य रूप से आर्ट्स और साइंस की पढ़ाई कराई जाती है। अंग्रेजी, हिन्दी, इतिहास, मनोविज्ञान, राजनीतिशास्त्र के अलावा प्रोफेशनल कोर्स के रूप में बीएलएड की भी पढ़ाई होती है। छात्रओं के लिए बीकॉम ऑनर्स का भी कोर्स चल रहा है। स्टीफंस कॉलेज की तरह यहां भी विश्वविद्यालय से हट कर दाखिला प्रक्रिया अपनाई जाती है।
गार्गी
अतीत की प्रेरक हस्तियों को ध्यान में रख कर देश में महिलाओं के भविष्य निर्माण के लिए दक्षिणी दिल्ली में 1967 में एक और कॉलेज खुला, जिसका नाम रखा गया गार्गी कॉलेज। यह संस्थान छात्रओं को आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस के विभिन्न विषयों की पढ़ाई कराता है। दक्षिणी दिल्ली की लड़कियों को इसमें साइंस में एप्लाइड और पारंपरिक साइंस, दोनों तरह के विकल्प पढ़ने को मिल रहे हैं।
साइंस की पढ़ाई के लिए गार्गी कॉलेज आज एक महत्वपूर्ण संस्थान बन गया है। एप्लाइड मनोविज्ञान, अंग्रेजी, हिन्दी, इतिहास, दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, संस्कृत, बीए, बीकॉम, बिजनेस इकोनॉमिक्स, बीएलएड, बीएससी लाइफ साइंस, फिजिकल साइंस, बॉटनी, कैमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, भौतिकी और जूलॉजी विषयों की भी पढ़ाई यहां करवाई जाती है(हिंदुस्तान,दिल्ली,30.5.12)।
मित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
जवाब देंहटाएंआओ धक्का मार के, महंगा है पेट्रोल ||
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शुक्रवारीय चर्चा मंच ।
bahut labhprad jankari ,dhanywaad
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