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29 मई 2012

अगले वर्ष से इंजीनियरिंग के लिए एकल प्रवेश परीक्षा

लगभग ढाई साल पहले सरकार ने इंजिनियरिंग के दाखिले के लिए 'वन नेशन, वन टेस्ट' (एक देश, एक परीक्षा) का जो सपना देखा था, वह सोमवार को तब पूरा होता दिखा, जब सरकार और देश के प्रमुख इंजिनियरिंग संस्थानों के बीच सिंगल टेस्ट को लेकर आपसी सहमति बन गई। अब साल 2013 से ही देश में सिंगल टेस्ट यानी आईएसईईटी (इंडियन साइंस इंजिनियरिंग एलिजिबिलिटी टेस्ट) की शुरुआत होने जा रही है। इस टेस्ट के जरिए आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी और एसर समेत केंद्रीय मदद पाने वाले तमाम इंस्टिट्यूट्स में दाखिला दिया जाएगा। 

गौरतलब है कि फिलहाल सरकार ने इसे सभी के लिए जरूरी नहीं बनाया है। अभी तक हरियाणा, गुजरात व महाराष्ट्र सरकार ने इसके प्रति अपनी सहमति जताई है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल का कहना था कि बाकी राज्य सरकारें व संस्थान सिंगल टेस्ट के आधार पर अपने यहां दाखिले के लिए क्या फॉर्म्युला अपनाते हैं, यह उन पर छोड़ दिया जाएगा। हम उनकी स्वायत्तता में दखल नहीं देना चाहते। 

सिंगल टेस्ट क्यों: देश में सिंगल टेस्ट लागू किए जाने की वजहों को स्पष्ट करते हुए सिब्बल ने बताया कि बच्चों के सिर पर से कई एंट्रेंस एग्जाम देने का बोझ हटाने के लिए, उन्हें कोचिंग के जाल से निकालने के लिए और बच्चों में स्कूली शिक्षा, खासकर 12वीं बोर्ड एग्जाम्स का महत्व दर्शाने के लिए सिंगल टेस्ट की शुरुआत की जा रही है। 

कैसा होगा टेस्ट: 
फिलहाल सिंगल टेस्ट मेंस और एडवांस दो लेवल पर होगा। हर स्टूडेंट को ये दोनों एग्जाम देने होंगे। इस टेस्ट की मैरिट में 12वीं बोर्ड के मार्क्स की पर्सेंटाइल के साथ-साथ मेंस और अडवांस एग्जाम्स के मार्क्स के पर्सेंटेज भी जुड़ेंगे। सिंगल टेस्ट के दोनों एग्जाम्स सब्जेक्टिव न होकर ऑब्जेक्टिव टाइप होंगे। टेस्ट का मूल्यांकन कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से होगा। एक ही दिन में दोनों एग्जाम होंगे। 

आईआईटी मैरिट: 
आईआईटी के लिए 12वीं व मेंस एग्जाम के नंबरों के 50-50 फीसदी मार्क्स जोड़े जाएंगे। इनके आधार पर तकरीबन 50 हजार स्टूडेंट्स को चुना जाएगा, जिसके लिए एडवांस एग्जाम के मार्क्स को मैरिट का आधार बनाया जाएगा। इसके हिसाब से ऑल इंडिया रैंकिंग तय होगी। 

बाकी संस्थानों के लिए: 
आईआईटी को छोड़कर बाकी संस्थानों के लिए मैरिट का पर्सेंटेज 40-30-30 रखा गया है। जिसमें बोर्ड के मार्क्स के 40 फीसदी व बाकी दोनों एग्जाम्स के 30-30 फीसदी मार्क्स को आधार बनाया जाएगा(नभाटा,दिल्ली,28.5.12)।

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