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01 जून 2012

बिहारःएनएमसी को 100 सीटों की नहीं मिली मान्यता

नालंदा मेडिकल कालेज में शैक्षणिक सत्र 2012-13 के लिए एमबीबीएस में 100 सीटों पर नामांकन नहीं हो सकेगा। क्योंकि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने इसकी इजाजत नहीं दी है। इस संबंध में कालेज को प्राप्त पत्र की प्रति गुरुवार को सभी विभागाध्यक्षों को उपलब्ध करा दी गयी है। इसकी जानकारी फैलते ही चिकित्सक, विद्यार्थी एवं परिजनों के बीच मायूसी छा गयी है। ऐसे में जुलाई माह में कालेज प्रबंधन अब केवल 50 सीटों के लिए ही विद्यार्थियों का नामांकन ले सकेगा। 100 सीटों के लिए मंजूरी न दिये के लिए एमसीआइ ने नौ अलग-अलग कमियां गिनायी हैं। 

एमसीआइ ने नालंदा मेडिकल कालेज में छात्रा-छात्राओं के लिए हास्टल की कमी बतायी है। डाक्टर तथा कर्मचारियों के रहने की भी समस्या गिनायी है। कालेज में प्राचार्य की जगह प्रभारी प्राचार्य होने, नर्सो के लिए अधीक्षक व उपाधीक्षक का पद रिक्त रहने, लाइब्रेरी में बैठने की क्षमता कम होने, नर्सो के लिए हास्टल की कमी, अस्पताल में एक्स-रे मशीन की कमी, बेड पर मरीज कम होने जैसी कमियों को 100 सीटों के लिए मान्यता नहीं दिए जाने की वजह बताया है। इस पूरे मामले पर प्रभारी प्राचार्य डा. गीता सिंह ने कहा कि वर्ष 2012-13 के लिए 50 सीटों पर ही नामांकन होगा। 

100 सीटों के लिए रजामंदी न मिलना अफसोसनाक है। उन्होंने एमसीआई द्वारा दर्शायी गई कमियों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भेजने की बात कही है। जानकारी के अनुसार इस वर्ष के आरंभ में मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने एनएमसीएच का तीसरी बार निरीक्षण किया था। हर वर्ष निरीक्षण उपरांत रिपोर्ट के आधार पर ही एमसीआइ नामांकन के लिए सीटों की मंजूरी देती है। पांच वर्षो में यह पहला मौका है जब एमबीबीएस के लिए चौथे बैच का नामांकन लेने में 50 सीटों की कटौती की गयी है। दोबारा निरीक्षण की उम्मीद सिटी : फरवरी में एमसीआइ ने एनएमसीएच का निरीक्षण कर जिन कमियों को गिनाया है वह नई नहीं पुरानी हैं। हर बार के निरीक्षण रिपोर्ट में यह सामने आयीं लेकिन कमियां दूर करने की दिशा में विभागीय प्रयास सुस्त रहा। केवल कागज पर ही सब कुछ ठीक है या फिर ठीक होने का आश्वासन देकर टीम को बार-बार गुमराह किया जाता रहा है। 4 जून तक कालेज प्रबंधन को जवाब भेजना है(दैनिक जागरण,पटना,1.6.12)।

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