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01 जून 2012

नई नौकरी पर रोक

पिछले 9 साल में सबसे खराब आर्थिक प्रदर्शन का सामना कर रही सरकार ने खर्च कम करने के अभियान का बिगुल बजा दिया है। इसके तहत नए पदों के सृजन पर रोक और पांच सितारा होटलों में सरकारी मीटिंग करने पर पाबंदी लगाने के साथ ही अधिकारियों की विदेश यात्रा पर भी लगाम लगाई गई है। 

वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को जारी निर्देश में कहा कि नई गाड़ियों की खरीद पर भी रोक लगा दी गई है। ये निर्देश मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान गैर-योजनागत खर्च में 10 फीसदी की कमी लाने के मकसद से दिए गए हैं। गौरतलब है सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2011-12 में 6.5 फीसदी रही है, जो 9 साल में सबसे कम है। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया भी 56.51 के साथ नए निचले स्तर पर पहुंच गया। 

मंत्रालय ने कहा, 'सरकार के संसाधनों पर काफी दबाव है और आर्थिक माहौल सुधारने के लिए खर्च को संतुलित करने और संसाधनों के अधिकतम इस्तेमाल की तुरंत जरूरत है।' इस बार खर्च घटाने के कदमों में इकॉनमी क्लास से सफर करने जैसी बात नहीं है। इस मुद्दे पर 2009 में तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर की विवादास्पद टिप्पणी के बाद काफी हंगामा हुआ था। केंद्र राज्यों, पब्लिक सेक्टर यूनिटों और स्वायत्तशासी निकायों को वित्तीय सहायता देने में भी अनुशासन बरतेगा। 

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, 'केंद्र सरकार से मिलने वाली ग्रांट-इन-ऐड का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने में नाकाम रहने पर किसी (राज्य सरकारों सहित) को भी मंत्रालय की पूर्व अनुमति के बगैर कोई रकम जारी नहीं की जाएगी।' खर्च में कटौती के दायरे से ब्याज का भुगतान, रक्षा खरीदारी, वेतन, पेंशन और राज्यों को ग्रांट बाहर होंगे। मंत्रालय का कहना है कि खर्च कम करन के उपायों को लागू करने के लिए प्रत्येक विभाग के सचिव जिम्मेदार होंगे(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,1.6.12)।

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