हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्कूली बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को देखते हुए डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि 24 घंटे के भीतर स्कूलों और धार्मिक संस्थानों के पास से शराब के ठेके हटा दिए जाएं। डीजीपी को कहा गया है कि राजधानी, जिला मुख्यालयों, तहसील मुख्यालयों और उपतहसीलों के शिक्षण संस्थानों के पास सादी वर्दी में पुलिस तैनात करें, ताकि नशा करने वाले स्कूली बच्चों पर नजर रखी जा सके।
दवा दुकानों के पास तैनात हों पुलिस
अदालत ने दवा दुकानों के पास भी सादी वर्दी में पुलिस कर्मी तैनात करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने यह भी आदेश दिए कि शिक्षण संस्थानों व धार्मिक स्थलों के 60 मीटर के दायरे में खोले गए शराब के ठेकों को शाम 4 बजे तक बंद कर दिए जाएं।
सरकार ने नहीं उठाया कदम
न्यायाधीश आरबी मिश्रा और न्यायाधीश राजीव शर्मा की खंडपीठ ने पुलिस महानिदेशक को न्यायालय के आदेशों की अनुपालना 24 घंटों के भीतर किए किए जाने के आदेश दिए हैं। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान स्कूली बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कहा गया कि यह बड़े खेद का विषय है कि राज्य सरकार की ओर से कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया है।
न्यायालय ने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि ऐसे दवा विक्रेताओं पर सख्ती बरती जाए जो स्कूली बच्चों को नशे की गोलियां बेचते हैं। दवा की दुकानों पर निगरानी रखने के लिए दवा की दुकानों के पास सादी वर्दी में पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाए। इसके अलावा पुलिसकर्मियों और दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी रखेगें, ताकि स्कूली बच्चे किसी तरह के मादक पदार्थो का सेवन न कर सकें।
दवा विक्रेता बेचते हैं नशे की दवाइयां
प्रदेश में कुछ दवा विक्रेता स्कूली बच्चों को नशे की दवाइयां बेचते हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के बावजूद इस पर रोक नहीं लग पा रही है। शिमला शहर में कुछ स्कूलों के पास चरस माफिया भी सक्रिय है। यह मामला कई बार विधानसभा में भी उठ चुका है।
प्रदेश में 1800 ठेके
आबकारी और कराधान विभाग के प्रदेश में 1800 ठेके हैं। कई ठेके स्कूलों और धार्मिक स्थलों के एकदम पास खोल दिए गए हैं। इन ठेकों का स्थानीय लोग विरोध करते हैं, लेकिन शराब माफिया और विभाग के गठजोड़ के कारण इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
मंदिरों के पास भी बिकती है शराब
तारादेवी के पास स्थित हनुमान मंदिर के एकदम पास शराब का ठेका है। लक्कड़ बाजार में भी दो स्कूलों के समीप शराब की दुकानें हैं। भराड़ी में सरकारी स्कूल के समीप पिछले कई सालों से शराब का ठेका खुला हुआ है। कई जिलों में स्कूलों और धार्मिक संस्थानों के पास शराब के ठेके चल रहे हैं। शिक्षण एवं धार्मिक संस्थानों के एकदम समीप खुले इन ठेकों को बंद करने की मांग कई बार लोग आबकारी एवं कराधान विभाग से कर चुके हैं।
लोअर बाजार का मामला पहुंचा था
लोअर बाजार में स्कूल और धार्मिक संस्थान के पास खुले एक शराब के ठेके का मामला चार साल पहले हाईकोर्ट पहुंचा था। इस मामले में कुछ संगठनों ने विभाग से शिकायत की। जब कार्रवाई नहीं हुई तो मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस ठेके को आबकारी एवं कराधान विभाग ने हटा दिया था। लेकिन, राजधानी के अन्य बाजारों में चल रहे ठेकों पर इस आधार पर कार्रवाई नहीं हुई। इसी वजह से हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई थी(दैनिक भास्कर,शिमला,2.6.12)।
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