ऑनलाइन आरपीएमटी का पेपर स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल भरा रहा। एग्जाम की तारीख की सूचना मिलने से लेकर एग्जामिनेशन हॉल से बाहर निकलने तक स्टूडेंट्स ऑनलाइन सिस्टम से निराश नजर आए। राजस्थान हैल्थ साइंस यूनिवर्सिटी की ओर से बरती गई लापरवाही के कारण उन्होंने इस सिस्टम के प्रति नाराजगी जताई।
ऑफलाइन मोड से एग्जाम करवाए जाने के ऑप्शन को बेहतर बताया। जयपुर में 24 सेंटरों पर करीब 6,345 स्टूडेंट्स ने यह परीक्षा दी। पीजी ऑनलाइन एग्जाम की तर्ज पर पहली बार यह एग्जाम भी ऑनलाइन रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में नेट से एडमिशन कार्ड डाउनलोड नहीं हो पाने के कारण स्टूडेंट्स को काफी परेशानी हुई। ज्यादातर स्टूडेंट्स ने जयपुर आकर कार्ड डाउनलोड किए।
कुछ स्टूडेंट्स को तो एग्जाम होने की सूचना शनिवार सुबह मोबाइल पर एसएमएस के जरिए मिली। सेंटर पहुंचने में देरी के कारण वे एग्जाम में नहीं दे पाए। पहली पारी में नहीं बैठ सके स्टूडेंट्स ने अगली पारी में बैठने की अनुमति मांगी। शनिवार को एग्जाम में नहीं बैठ पाने वाले स्टूडेंट्स ने जब आरपीएमटी की हैल्पलाइन पर संपर्क किया तो हैल्प लाइन बंद मिली और वे एडमिशन कार्ड के लिए संघर्ष करते रहे।
फिर भी एग्जाम नहीं दे पाई
भरतपुर से आई पूनम कुमारी ने कहा कि 2 जून को एग्जाम होने की सूचना उन्हें मिल नहीं पाई थी। वे एडमिशन कार्ड डाउनलोड नहीं कर पाई। सुबह साढ़े आठ बजे मोबाइल पर एग्जाम की सूचना मिली। एग्जाम दोपहर 12 से 3 बजे तक था। ऐसे में उन्होंने बाइक से जयपुर आना तय किया। एग्जामिनेशन सेंटर तक पहुंचने में उन्हें 12:45 बज गए। काफी अनुरोध के बाद भी उन्हें एग्जाम में बैठने नहीं दिया।
पेपर बाइलिंगुअल नहीं आने से हुई परेशानी
मैनुअल पेपर में सवाल हिंदी-अंग्रेजी दोनों भाषाओं में आते थे। ऑनलाइन होने से बाइलिंगुअल सवाल नहीं आ पाए। स्टूडेंट्स को हिंदी या अंग्रेजी एक ही ऑप्शन चुनना था। एग्जाम देने पहुंचे संतोष ने बताया, दोनों भाषाओं में सवाल आने से पेपर सॉल्व करने में आसानी रहती है। इस कारण बॉयो के सवाल हल करने में काफी दिक्कत आई, जिससे कई सवाल छूट गए।
आरपीएमटी ऑनलाइन क्यों?
स्टूडेंट गीता ने कहा, एग्जाम के दो घंटे पहले सेंटर पर एंट्री दी गई थी। पहले बताया गया था, प्रैक्टिस के लिए एग्जाम से पूर्व डमी सवाल डाले जाएंगे, पर वहां सिर्फ साधारण इंस्ट्रक्शन दिए गए थे। जब एम्स और पीजीआई चंडीगढ़ में एग्जाम ऑनलाइन नहीं होता फिर आरपीएमटी ऑनलाइन क्यों हुआ? अलवर से आई रोशनी ने कहा, कॉल लैटर लोड करने की सूचना भी दो दिन पहले ही आई थी। उनके शहर में डाउनलोड नहीं हो रहा था। जयपुर में आकर डाउनलोड करना पड़ा। बायो का पेपर टफ आया। फिजिक्स और केमिस्ट्री एवरेज थीं। बायो का पेपर एनसीईआरटी सिलेबस से आना चाहिए था, लेकिन नहीं आया(दैनिक भास्कर,जयपुर,3.6.12)।
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