हाईकोर्ट ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता टेस्ट (सीटेट) उत्तीर्ण प्रार्थियों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार व एनसीटीई से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश महेश भगवती की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश कमलेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर गुरुवार को दिया। याचिका में एनसीटीई की 23 अगस्त, 2010 व 29 जुलाई, 2011 की दो अधिसूचनाओं को चुनौती देते हुए कहा कि उन्होंने सीटेट उत्तीर्ण की है, लेकिन राज्य सरकार एनसीटीई की अधिसूचनाओं का हवाला देकर उन्हें भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं कर रही है। अधिसूचनाओं में सरकार की ओर से पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल करने का उल्लेख किया गया है। अदालत ने उनकी यह दलील मान ली।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (आरटेट) के प्रथम स्तर में उत्तीर्ण बीएड डिग्री वालों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती (प्रथम स्तर) के योग्य नहीं मानने के सवाल पर हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जो भी निर्णय देगा वह प्रार्थियों पर लागू होगा। मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश महेश भगवती ने यह निर्देश गुरुवार को राहुल कुमार व अन्य की याचिका पर दिया। खंडपीठ ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट अन्य प्रार्थी अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल करने का निर्देश दे, तो इन प्रार्थी अभ्यर्थियों को भी इजाजत दी जाए। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में आज होगी। अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि एनसीटीई
की 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 की अधिसूचना के अनुसार, प्रार्थी अभ्यर्थी 1 जनवरी 2012 की अवधि तक थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में शामिल होने के योग्य थे, लेकिन इस समयावधि में राज्य सरकार ने थर्ड ग्रेड टीचर की भर्ती नहीं निकाली। यदि उस समय परीक्षा होती तो वे भी योग्य माने जाते। राज्य सरकार अब थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा कर रही है, लेकिन एनसीटीई की अधिसूचनाओं में 1 जनवरी 2012 तक ही परीक्षा के योग्य मानने के कारण उन्हें शामिल नहीं किया जा रहा, इसलिए प्रार्थियों को भी भर्ती में शामिल किया जाए(दैनिक भास्कर,जयपुर,1.6.12)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।