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01 जून 2012

आइआइटी ने अल्पसंख्यक छात्रों को अधर में छोड़ा

आइआइटी-जेईई परीक्षा में ओबीसी आरक्षण के तहत सब कोटा में चयनित अल्पसंख्यक छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के ताजा फैसले को देखते हुए सभी आइआइटी संस्थानों ने फिलहाल सब कोटा प्रावधान को नजरअंदाज करने का निर्णय लिया है। आइआइटी-जेईई 2012 के आर्गेनाइजिंग चेयरमैन जीबी रेड्डी ने बताया कि इस फैसले के साथ ही 4.5 फीसद सब कोटा में काउंसलिंग के लिए चयनित उम्मीदवारों को जारी प्रक्रिया के तहत अपनी पसंद का कोर्स चुनने को कहा गया है। इन छात्रों को अब सब कोटा नहीं बल्कि रैंक के हिसाब से सीट आवंटित की जाएगी। आइआइटी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, चयनित अभ्यार्थियों को परामर्श दिया जाता है कि ओबीसी (गैर क्रीमी लेयर) के लिए 4.5 फीसद आरक्षण 13 जून तक के कानूनी घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा। वे इसी के मुताबिक अपने कोर्स का चुनाव कर सकते हैं। आइआइटी 4.5 फीसद आरक्षण के प्रावधान को नजरअंदाज कर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही चलेगा। कानून मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाएगी(दैनिक जागरण,दिल्ली,1.6.12)।

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