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09 जून 2012

यूपी में बीएड काउंसिलिंगःपरीक्षा से कठिन प्रवेश प्रक्रिया

सुल्तानपुर के आकाश सिंह ने बीएड प्रवेश परीक्षा में 973वीं रैंक प्राप्त की है। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े छह बजे वह आ‌र्ट्स कालेज स्थित काउंसिलिंग सेंटर पहुंच गए। दो घंटे इंतजार के बाद उन्हें टोकन मिल सका। सर्वर कनेक्टिविटी न मिलने के कारण आकाश दोपहर करीब तीन बजे सीट लॉक कर सके। सिर्फ आकाश ही नहीं उनके जैसे करीब दो हजार विद्यार्थी को काउंसिलिंग के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। घोर अव्यवस्थाओं का खामियाजा दूर दराज से आए अभ्यर्थियों को ही भुगतना पड़ा। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि, फैजाबाद द्वारा आयोजित संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा-2012 की ऑन लाइन काउंसलिंग शुक्रवार से प्रदेश के 27 केंद्रों पर शुरू हुई। राजधानी के आ‌र्ट्स कालेज में काउंसिलिंग के तीन केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन पहली से दस हजार रैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। यूं तो काउंसिलिंग शुरू होने का समय सुबह नौ बजे से था, लेकिन विवि प्रशासन ने सभी को सात बजे ही बुला लिया था। खुद अधिकारी आठ बजे के बाद काउंसिलिंग स्थल पर पहुंचे थे। टोकन बांटने में भी अव्यवस्थाएं हावी रहीं। सर्वर कनेक्टिीविटी न मिलने की समस्या हर बार की तरह इस बार भी रही। काउंसिलिंग से जुड़े अधिकारी भी साढ़े ग्यारह बजे तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। करीब बारह बजे शुरू हो सकी काउंसिलिंग में भी बार-बार सर्वर डिसकनेक्ट हो जा रहा था। अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांचने और कंप्यूटर कक्ष में सीट लॉक करने में हर अभ्यर्थी को एक घंटे तक का समय लग रहा था। लखीमपुर खीरी से काउंसलिंग के लिए आए सुमित श्रीवास्तव, इलाहाबाद के अजय कुमार व संडीला से आए दिनेश समेत कई अभ्यर्थियों का कहना था कि बीएड प्रवेश परीक्षा से कठिन काउंसलिंग की पूरी प्रक्रिया रहती है। अव्यवस्थाओं के बीच घंटों इंतजार के बाद कहीं नंबर आ पाता है। लखनऊ विवि के प्राक्टर डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को करीब 1750 अभ्यर्थियों को टोकन दिए गए हैं। वहीं देर रात तक अभ्यर्थी काउंसलिंग के लिए लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। काउंसिलिंग सेंटर लखनऊ, बुलावा गोरखपुर का : इलाहाबाद के कौशल सिंह की सामान्य रैंक 7373 है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्र्वविद्यालय से उन्हें जो बुलावा पत्र भेजा गया, उसमें काउंसिलिंग सेंटर गोरखपुर दर्ज था। शुक्रवार सुबह जब वह गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज पहुंचे तो पता चला कि उनका काउंसिलिंग सेंटर लखनऊ का आ‌र्ट्स कालेज है। दौड़ते-भागते वह किसी तरह दोपहर बाद यहां पहंुच सके। कुछ ऐसा ही हुआ सुलतानपुर के अनिलेश कुमार पांडेय के साथ। काउंसिलिंग लेटर में उनका सेंटर कानपुर दर्ज था लेकिन वहां जाकर पता चला कि उनकी काउंसिलिंग लखनऊ में होगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.6.12)

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