मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

09 जून 2012

डीयूःवोकेशनल का फैशन

डीयू में अंडरग्रैजुएट लेवल पर ल के बीए (वोकेशनल स्टडीज) कोर्स की पढ़ाई कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में होती है। यह कोर्स सात स्ट्रीम में है और हर स्ट्रीम के लिए अलग-अलग कट ऑफ आती है। बीए (वोकेशनल स्टडीज) में बेस्ट ऑफ फोर के बेस पर एडमिशन होता है और 2 वोकेशनल सब्जेक्ट और दो अकैडमिक सब्जेक्ट के मार्क्स की कैलकुलेशन देखी जाती है। हर स्ट्रीम में वोकेशनल सब्जेक्ट की डिमांड अलग-अलग होती है। वोकेशनल स्टडीज के इन कोसेर्ज के बारे में बता रहे हैं भूपेंद्र : 

अगर किसी स्टूडेंट्स ने 12वीं में इंश्योरेंस सब्जेक्ट पढ़े हैं तो उसे मैनेजमेंट एंड माकेर्टिंग ऑफ इंश्योरेंस कोर्स में एडमिशन मिलेगा। इसी तरह से टूरिज्म के सब्जेक्ट पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को टूरिज्म स्ट्रीम में एडमिशन मिलेगा। स्ट्रीम से रिलेटिड वोकेशनल सब्जेक्ट को ही देखा जाएगा। - डॉ. इंद्रजीत , प्रिंसिपल , कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज 

ये सब्जेक्ट नहीं होते काउंट 
इस कोर्स में 10 सब्जेक्ट्स को बेस्ट ऑफ फोर में काउंट नहीं किया जाता। इंजीनियरिंग ड्रॉइंग , होम साइंस , फाइन आर्ट्स , एग्रीकल्चर , फिजिकल एजुकेशन , म्यूजिक , डांस , बायोटेक्नॉलजी , फैशन स्टडीज और वेब एंड मल्टीमीडिया टेक्नॉलजी को बेस्ट ऑफ फोर में शामिल नहीं किया जाता। डॉ. इंदजीत ने बताया कि वोकेशनल स्टडीज की जो सात स्ट्रीम हैं , उनमें ये सब्जेक्ट फिट नहीं होते। दो अकैडमिक सब्जेक्ट में एक लैंग्वेज के मार्क्स काउंट किए जाते हैं। 

इन कोर्स की होती है पढ़ाई 
-ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एचआरएम) 

-ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन एंड सेक्रेटरियल प्रैक्टिस(ओएएसपी) 

-मैनेजमेंट एंड माकेर्टिंग ऑफ इंश्योरेंस 

-स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) 

-माकेर्टिंग मैनेजमेंट एंड रिटेल बिजनेस (एमएमआरबी) 

-मटीरियल मैनेजमेंट (एमएम) 

टूरिज्म : 539 सीटें 
बीए (वोकेशनल स्टडीज) में 539 सीटें हैं और हर स्ट्रीम में 77-77 सीटें हैं। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एचआरएम) की सबसे अधिक डिमांड है और सबसे हाई कट ऑफ भी इसी कोर्स में रहती है। 

सेंट्रलाइज्ड फॉर्म से करें अप्लाई 
डीयू के सेंट्रलाइज्ड फॉर्म से इन कोर्सेज के लिए अप्लाई किया जा सकता है। डीयू के फॉर्म में इन सभी कोर्सेज का ऑप्शन दिया गया है। डीयू के इसी कॉलेज में बीए (वोकेशनल स्टडीज) की पढ़ाई होती है। सीबीएसई की वोकेशनल स्ट्रीम से 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में इन कोसेर्ज के लिए अप्लाई करते हैं। ऐप्लीकेशन के बेस पर कॉलेज कट ऑफ जारी करता है। कॉलेज का मानना है कि इस बार सीबीएसई का रिजल्ट पिछले साल की तुलना में बेहतर रहा है और इस हिसाब से कट ऑफ में भी इजाफा होने की पूरी संभावना है। 

जॉब के अच्छे चांस
कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में स्टूडेंट्स वोकेशनल स्टडीज में डिग्री कोर्स करते हैं जबकि बाकी कॉलेजों में बीए प्रोग्राम में स्टूडेंट्स वोकेशनल सब्जेक्ट ले सकते हैं। ग्रैजुएशन लेवल पर ये कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स की अलग-अलग कंपनियों में प्लेसमेंट हो जाती है। एचआरएम कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स एचआर में एमबीए करते हैं और उनकी डिमांड कई गुना बढ़ जाती है क्योंकि बीए लेवल पर भी इन स्टूडेंट्स ने एचआर की पढ़ाई की होती है। इसी तरह से टूरिज्म इंडस्ट्री में भी यह डिग्री कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को प्राथमिकता मिलती है। जो स्टूडेंट्स टूरिज्म , एचआएम , माकेर्टिंग जैसी फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं , उनके लिए बीए वोकेशनल की यह डिग्री काफी फायदेमंद है। 

ट्रेनिंग , प्रोजेक्ट के अलग-अलग पेपर 
सेमेस्टर सिस्टम में बीए (वोकेशनल स्टडीज) कोर्स में भी चेंज किए गए हैं और अब इस कोर्स में ट्रेनिंग और प्रोजेक्ट को सिलेबस का हिस्सा बना दिया गया है। ट्रेनिंग और प्रोजेक्ट के अलग-अलग पेपर रखे गए हैं। एचआरएम कोर्स की कट ऑफ सबसे अधिक रहती है। उसके बाद माकेर्टिंग मैनेजमेंट एंड रिटेल बिजनेस (एमएमआरबी) का नंबर आता है। मैनेजमेंट एंड माकेर्टिंग ऑफ इंश्योरेंस (एमएमआई) , टूरिज्म , मटीरियल मैनेजमेंट (एमएम) , स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) , ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन एंड सेक्रेटरियल प्रैक्टिस स्ट्रीम में स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं। 

1.25 पर्सेंट का बोनस 
कॉलेज प्रिंसिपल ने बताया कि अगर स्टूडेंट ने 12वीं में इंश्योरेंस स्ट्रीम के सब्जेक्ट पढ़े हैं और वह इसी स्ट्रीम में एडमिशन लेना चाहता है तो उसे 1.25 पर्सेंट का बोनस मिलेगा। इंश्योरेंस कोर्स के लिए भी यही फॉर्म्युला लागू होगा। मसलन अगर किसी कोर्स की कट ऑफ 80 जाती है तो बोनस पाने वाले स्टूडेंट्स के लिए कट ऑफ 78.75 रहेगी(नभाटा,दिल्ली,8.6.12)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।