तीन दिनों तक लगातार कभी सर्वर, कभी सॉफ्टवेयर तो कभी पूरी व्यवस्था ही चौपट होने के बाद चौथे दिन सोमवार से बीएड काउंसिलिंग की प्रक्रिया पटरी पर लौटती नजर आयी।
सोमवार को सुबह दस बजे से सर्वर ने काम करना शुरू कर दिया। डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन, सीट च्वाइस और एलॉटमेंट में भी देरी नहीं हुई। सर्वर के रफ्तार और समय पर काम शुरू होने का नतीजा रहा कि शाम को पौने छह बजे तक सर छोटूराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई।
सरकारी और एडेड कालेजों में सीटें खत्म होने का असर दिखा कि बड़ी संख्या में छात्र अनुपस्थिति रहे। एक-एक केंद्रों पर अनपुस्थिति की संख्या 150 से ज्यादा रही। एक केंद्र पर आय प्रमाण पत्र की अवधि को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति पैदा हुई लेकिन नियमों के आधार पर इसे भी शॉर्ट आउट कर लिया गया। कुछ छात्र आय प्रमाण पत्र की अवधि छह माह से बढ़ाकर दो वर्ष तक मान्य किए जाने का तर्क दिया, लेकिन काउंसिलिंग मैनुअल में दर्शाया गया कि एक जनवरी, 2012 के बाद का बना आय प्रमाण पत्र ही वैध होगा। कुल मिलाकर काउंसिलिंग की प्रक्रिया सभी केंद्रों पर समय से निपट गई।
काउंसिलिंग का हाल
केंद्र- छात्र -बुलाए- च्वाइस लॉक
सर छोटूराम कालेज 375 205
नीलकंठ इंस्टीट्यूट 394 219
जेपी इंस्टीट्यूट 397 215(दैनिक जागरण,मेरठ,12.6.12)
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