मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

05 जून 2012

गोजरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

जम्मू-कश्मीर के वन मंत्री मियां अल्ताफ अहमद ने गोजरी भाषा को संविधान के आठवें शेड्यूल में शामिल करने की मांग की है। 

उन्होंने यह बात सोमवार को अकादमी आफ आर्ट, कल्चर एवं लैंग्वेजिस की ओर से लाल मंडी में आयोजित म्यूजिकल कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि गोजरी भाषा विश्व के विभिन्न हिस्सों में बोली जाती है, लेकिन इसका केंद्र बिंदु जेएंडके में ही है। 

उन्होंने कहा कि गोजरी भाषा के साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को संविधान में शामिल करना उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने गुज्जर बक्करवाल समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजकर रखने के अलावा अकादमी की समुदाय के लेखकों, कलाकारों, कविओं को बढ़ावा देने को कहा। 

वहीं कार्यक्रम में अकादमी के सचिव खालिद बशीर ने कहा कि समुदाय के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा गोजरी भाषा के फोक सांग को सहेजकर रखने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिसके लिए अकादमी की और से गोजरी की एलबम बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी राज्य स्तरीय म्यूजिक फेस्टिवल को गोजरी भाषा में करवाया जाएगा। 

इससे पहले चीफ एडिटर डा. जावेद राही ने बताया कि अकादमी द्वारा गोजरी भाषा को जन जन तक पहुंचाने को कई किताबें प्रकाशित की जा रही हैं(दैनिक भास्कर,जम्मू,5.6.12)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।